पीएम मोदी के दौरे के दौरान कांग्रेस ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में प्रदेशभर में शिवालयों में जलाभिषेक किया. सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. रावत ने कहा कि पीएम मोदी केदारनाथ सिर्फ ‘प्रसारण’ के लिए गए.
‘उन्होंने ये भी कहा कि भगवान शिव अहंकार को स्वीकार नहीं करते. हरीश रावत यहीं नहीं रुके, उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी कांग्रेस सरकार के किए कार्यों का लोकार्पण कर रहे हैं. पूर्व मंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार ही अधूरे निर्माण पूरे करेगी. हरीश रावत ने कहा कि पीएम मोदी तो राजनीतिक भाषण के लिए आए हैं.
वे अपनी पार्टी की मार्केटिंग कर रहे हैं, लेकिन हम अपने शिवालयों में ही ज्योतिर्लिंग देखते हैं और अपने शिवालयों में ही केदारनाथ देखते हैं और यहां जलाभिषेक कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री का केदारनाथ दौरा विशुद्ध रूप से राजनीतिक दौरा था. प्रदेश में गत माह इतनी बड़ी आपदा आई.
गृहमंत्री अमित शाह दो बार आकर चले गए, प्रधानमंत्री भी आकर चले गए. लेकिन राज्य को इस आपदा से उबरने के लिए कोई पैकेज नहीं दे गए. यह दुभार्ग्यपूर्ण स्थिति है. केदारनाथ में वर्ष 2013 में जब आपदा आई थी, तब यूपीए की मनमोहन सरकार ने तत्काल आठ हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया था.
हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि न देवस्थानम बोर्ड पर, न कुमाऊं की आपदा के पैकेज पर, न बेरोजगारों पर और न ग्रीन बोनस पर प्रधानमंत्री ने कोई घोषणा की.
गणेश गोदियाल ने कहा कि पीएम का प्रवचन केवल अपने चुनावी एजेंडे पर केंद्रित रहा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम दौरे को उत्तराखंड की जनता के लिए निराशाजनक बताया. बता दें कि अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष भाजपा और विपक्षी कांग्रेस तैयारी में जुटी हुई हैं.
शंभू नाथ गौतम