शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि कांग्रेस और सोनिया गांधी को अब पार्टी के नए अध्यक्ष पद को लेकर नई सोच लानी होगी और नेतृत्व के बारे में बदलाव भी करना होगा. यही नहीं सामना में शिवसेना ने राजधानी दिल्ली में देश भर से आंदोलन कर रहे किसानों के साथ देने के लिए कांग्रेस को आगे आना होगा.
सामना की संपादकीय में यह भी लिखा गया कि राहुल से अच्छे शरद पवार विपक्ष के नेता हो सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस को एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए का नया चेयरपर्सन बनने की वकालत करनी चाहिए.
शिवसेना ने कहा कि पवार ही ऐसे नेता है जो पूरे विपक्ष को एकजुट रखकर केंद्र की मोदी सरकार से टक्कर ले सकते हैं. शिवसेना ने कहा कि अभी जिस तरह की रणनीति विपक्ष ने अपनाई है, वह मोदी और शाह के आगे बेअसर है.
‘शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा कि इस यूपीए की हालत एक एनजीओ की तरह नजर आती है, केंद्र में मौजूदा विपक्ष बेजान हो चुका है’. कांग्रेस की स्थिति ऐसी पार्टी की हैं जिसके पास पूर्णकालिक अध्यक्ष भी नहीं है और सोनिया का साथ देने वाले मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल जैसे नेता अब नहीं रहे. इसलिए अब गांधी परिवार को शरद पवार को आगे लाना होगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार