देवभूमि यानी उत्तराखंड में आज एक बार फिर धर्म के साथ राजनीति भी खूब हुई. बात को आगे बढ़ाने से पहले हम आपको बता दें कि धर्म के साथ सियासत का ‘टकराव’ देश में कोई नया नहीं है. बात शुरू करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाबा केदारनाथ धाम के दौरे को लेकर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ के बड़े भक्त हैं.
उन्होंने केदारनाथ में कई साल तपस्या की है. राजनीति में आने से पहले वह सालों तक यहां रहे थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी यहां हर साल जरूर आते हैं. हालांकि पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान वह धाम नहीं पहुंचे थे. पीएम मोदी आज सुबह केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना और आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण के साथ विकास कार्यों का जायजा लेने पहुंचे.
पीएम ने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना व आरती की. बाघंबर वस्त्र चढ़ाए और नंदी की परिक्रमा की. इस दौरान पीएम मोदी खास अंदाज में नजर आए. ‘पूरी तरह धार्मिक रंग में रंगे पीएम मोदी माथे पर त्रिपुंड लगाए, गले में रुद्राक्ष की माला और कंधे पर शॉल डाले दिखे’.
लेकिन विपक्ष कांग्रेस के नेताओं को प्रधानमंत्री की इस धार्मिक यात्रा को सियासत के साथ जोड़ दिया. कांग्रेसी नेताओं ने प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर क्या कहा, उसकी हम आगे चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पूजा और साधना के साथ शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण के बाद 130 करोड़ की परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया.
उसके बाद प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में करीब 50 मिनट लोगों को संबोधन किया. करीब 4 घंटे रहने के बाद पीएम मोदी दोपहर 12 बजे राजधानी दिल्ली रवाना हो गए. उसके बाद देवभूमि की सियासत में ‘गर्मी’ आनी शुरू हो गई.
भले ही पीएम मोदी ने अपने संबोधन में राजनीति और तीन महीने अंदर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ भी नहीं कहा हो लेकिन राज्य भाजपा के नेता प्रधानमंत्री के इस दौरे को ‘सुपरहिट’ करार देते हुए आगामी चुनाव से जोड़कर ‘गदगद’ हैं.
दूसरे छोर पर बैठी कांग्रेस को लगने लगा कहीं प्रधानमंत्री की यह धार्मिक यात्रा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्रेय न ले जाएं कांग्रेसी नेता भी आक्रामक अंदाज में मैदान में कूद पड़े.
शंभू नाथ गौतम