पीएम मोदी द्वारा संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करने के बाद, कांग्रेस ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष का अपमान करके संविधान की ‘मूल भावना’ का ‘अपमान’ कर रही है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह सरकार प्रजातंत्र और संविधान के जश्न के आयोजन में विपक्ष का सम्मान नहीं करती और संसदीय लोकतंत्र का अपमान करती है, जिस कारण कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम से अलग रहने का फैसला किया.
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता शर्मा ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से विपक्ष की आलोचना करने का कोई औचित्य नहीं था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य मुख्य विपक्षी दल इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
भाजपा की सरकार निरंतर संवैधानिक संस्थाओं को चोट पहुंचा रही है, संवैधानिक नियमों का उल्लंघन हो रहा है. संविधान की मूल भावना पर आघात कर रही है.
शर्मा के मुताबिक कि दो साल पहले भी यही स्थिति पैदा हुई थी और हमने विरोध दर्ज कराया था. हमारी अपेक्षा थी कि सरकार सचेत हो जाएगी और विपक्ष को सम्मान देगी.
उन्होंने कहा कि हम संविधान और राष्ट्रपति का सम्मान करते हुए यह कहना चाहते हैं कि अगर प्रतिपक्ष के नेताओं और विपक्षी नेताओं को प्रजातंत्र या संविधान के जश्न के आयोजन में शामिल नहीं किया जाएगा और सिर्फ दर्शक की तरह बुलाया जाएगा तो यह हमें स्वीकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का विपक्ष की आलोचना करना सही नहीं है. इसका कोई औचित्य नहीं है. सरकार कोई अवसर नहीं छोड़ती कि संविधान और संवैधानिक परंपराओं को दबाकर निर्णय लिया जाए.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद संविधान दिवस के कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे. संविधान दिवस पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, पीएम मोदी सहित सांसद एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.