पीएम नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ 24 जून को दिल्ली में होने जा रही चर्चा कांग्रेस को ‘रास’ नहीं आ रही है. कांग्रेस की ओर से लगातार केंद्र सरकार पर हमले किए जा रहे हैं. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुच्छेद-370 का ‘खात्मा’ किए जाने की अपील के बाद कांग्रेस वरिष्ठ नेता ‘पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है.
चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक ‘राज्य’ था जिसने विलय के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और भारत में शामिल हो गया. इसे हमेशा के लिए उस स्थिति का आनंद लेना चाहिए. जम्मू-कश्मीर ‘रियल एस्टेट’ का एक टुकड़ा नहीं है. जम्मू-कश्मीर ‘लोग’ है. उनके अधिकारों और इच्छाओं का सम्मान किया जाना चाहिए. ‘पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि संसद के आगामी मानसून सत्र में इन अपमानजनक कानूनों को निरस्त करना चाहिए और वहां यथास्थिति बहाल करनी चाहिए’.
वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देना और अपने लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने की अनुमति नहीं देना लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों पर सीधा हमला है. ‘सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा को संविधान और लोकतंत्र के हित में इस मांग को स्वीकार करना चाहिए’. उल्लेखनीय है कि ‘मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया था’.
जम्मू-कश्मीर को विधानसभा युक्त केंद्र शासित बनाया गया, जबकि लद्दाख में बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था . उसके बाद अब केंद्र सरकार ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर राजनीतिक पहल की शुरुआत की है. चर्चा है कि कश्मीर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कोई ‘योजना’ पेश की है जिसको केंद्र सरकार आगे बढ़ना चाहती है.
यह हम आपको यह भी बता दें कि मोदी सरकार अपने फैसलों से ‘चौंकाती’ रही है. कश्मीर को लेकर सरकार के मन में क्या चल रहा है यह 24 जून की बैठक के बाद सामने आ सकता है. फिलहाल घाटी की सियासत एक बार फिर से गर्म है.