कांग्रेस और भाजपा के बीच तमाम मुद्दों को लेकर आए दिन सियासी टकराव सामने आ जाता है. वहीं समय-समय पर केंद्र सरकार गांधी परिवार के दिवंगत नेताओं के नाम और तस्वीर हटाकर इतिहास में दर्ज पन्नों का ‘नया अध्याय’ शुरू करने से कांग्रेस को ‘भड़का’ देती है.
इसी महीने की शुरुआत में ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम हटाकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखे जाने से कांग्रेस के ‘जख्म’ अभी भरे भी नहीं थे कि एक बार फिर से भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) की ओर से जारी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के पोस्टर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर न होने पर कांग्रेस को ‘आगबबूला कर दिया है’.
केंद्र सरकार के इस कदम की कांग्रेसी नेता कड़ा एतराज जता रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की ओर से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ समारोह से जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाए जाने पर कहा कि ‘देश के प्यारे पंडित नेहरू’ को लोगों के दिल से कैसे निकाला जा सकेगा’.
वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आईसीएचआर ने पंडित नेहरू की तस्वीर हटाकर खुद को कलंकित किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईसीएचआर के इस कदम को ‘भद्दा’ करार दिया. बता दें कि कांग्रेस के कई नेताओं ने आईसीएचआर की वेबसाइट पर ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ से जुड़ी तस्वीरों का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा किया, जिनमें महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, राजेंद्र प्रसाद, भगत सिंह, मदनमोहन मालवीय और वीर सावरकर के चित्र हैं, लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है.
नेहरू की तस्वीर हटाने पर कांग्रेस ने पीएम की चुप्पी और आईसीएचआर पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और मांग की है कि वह अपने पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर मामले में हस्तक्षेप करें. कांग्रेस का कहना है कि नेहरू की तस्वीर जान बूझकर पोस्टर में शामिल नहीं की गई है. मामला तूल पकड़ने पर आईसीएचआर की ओर से कहा है कि इस मुद्दे पर हो रहा विवाद गैर जरूरी है क्योंकि आने वाले दिनों में जारी किए जाने वाले पोस्टरों में नेहरू होंगे.
आईसीएचआर के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ‘हम (स्वतंत्रता) आंदोलन में किसी की भूमिका को कम करके नहीं आंक रहे हैं’. उन्होंने कहा कि ये पोस्टर आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के तौर पर जारी किए गए कई पोस्टर्स में से एक था.
गौरतलब है कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, शिक्षा मंत्रालय के तहत स्वायत्त संस्था है और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ जश्न के तहत स्वतंत्रता संग्राम थीम पर व्याख्यानों और संगोष्ठियों की श्रृंखला चला रहा है. बता दें कि 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश से स्वतंत्र हुआ था. स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ को मोदी सरकार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तौर पर मना रही है.
आजादी के 75 साल का ये जश्न 12 मार्च 2021 से शुरू हो चुका है. 15 अगस्त 2023 को इसका समापन होगा. इस दौरान केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा देशवासियों की जनभागीदारी से अलग-अलग आयोजन किए जाएंगे.