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संजय निरुपम 6 साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित

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महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा नुकसान हुआ है. हालांकि, इस बार किसी नेता ने पार्टी नहीं छोड़ी है बल्कि पार्टी को एक्शन लेना पड़ा है. कांग्रेस ने संजय निरुपम को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.

अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाजी की शिकायतों के चलते कांग्रेस ने संजय निरुपम के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संजय निरुपम के निष्कासन को मंजूरी दे दी और तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया.

निष्काषन की कार्रवाई से पहले संजय निरुपम ने बुधवार को ट्वीट करके पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि कॉंग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे. बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे. वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है. मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है. कल मैं खुद फ़ैसला ले लूँगा.

संजय निरुपम पर इस कार्रवाई से पहले 31 मार्च को पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी. इसमें संजय निरुपम का भी नाम था. निष्कासन की कार्रवाई से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि संजय निरुपम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल थे. लेकिन, हमने उन्हें हटा दिया है क्योंकि जिस तरह से उनके बयान आ रहे हैं, वे पार्टी विरोधी हैं.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीट में से मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट समेत चार के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद निरुपम ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा था. बताया जाता है कि निरुपम मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे.

मुंबई उत्तर से सांसद रह चुके निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) के आगे दबाव में नहीं झुकना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस को बर्बाद करने की अनुमति देने के समान है.

निरुपम एक समय शिवसेना में भी रह चुके हैं. उन्होंने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी. उन्होंने उत्तर भारतीय फेरीवालों का मुद्दा उठाया था और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वर्ष 2009 के चुनाव में, उन्होंने मुंबई उत्तर सीट से जीत हासिल की थी. बता दें कि इससे पहले मिलिंद देवड़ा और कृपाशंकर सिंह जैसे दिग्गज नेता भी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी व शिवसेना का दामन थाम चुके हैं.

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