कांग्रेस नेता हरिश रावत ने केंद्र सरकार से वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 पर मुस्लिम संगठनों और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की आपत्तियों को गंभीरता से सुनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यक समुदाय असहमत है, तो कम से कम एक न्यूनतम सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके। AIMPLB ने इस बिल में शामिल कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई है, जिसमें वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्य की नियुक्ति और वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए कलेक्टर को अधिक शक्तियां देना शामिल है।
वहीं, कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से वक्फ संशोधन बिल 2024 को खारिज कर दिया है। कर्नाटक के कानून मंत्री एच के पाटिल ने इसे राज्य की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया और केंद्र से इसे वापस लेने की अपील की। इसके बाद AIMPLB ने दिल्ली में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए। वक्फ संशोधन बिल पर देशभर में राजनीतिक बहस और विरोध तेज हो गया है।