बीते दिनों चुनाव आयोग ने बताया था कि भारत का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा. वहीं 21 जुलाई को पता चलेगा कि अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा. इसी के साथ सियासी सरगर्मियां नए सिरे से चढ़ने लगी हैं. भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी के लिए कांग्रेस पार्टी दूसरे विपक्षी दलों के मन की बात जानने में जुट गई है और उन्हें एक खेमे में लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है.
इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी से संपर्क साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी दलों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
एक अंग्रेजी अख़बार ने दावा किया है कि खड़गे ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा नेता संजय सिंह से बात की है. आप भी सत्ताधारी एनडीए के प्रत्याशी के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने के पक्ष में है.
खबरों मुताबिक, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार कौन होगा, इस पर अभी चर्चा शुरू नहीं हुई है. अभी पार्टी ये देख रही है कि कौन-कौन से दल संयुक्त उम्मीदवार उतारने के पक्ष में हैं, उसके बाद संभावित नामों पर विचार विमर्श किया जाएगा.
दूसरे विपक्षी दलों की थाह लेने के लिए बाकी दलों के नेताओं ने भी प्रयास शुरू कर दिए हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को वाम दलों के नेताओं से बात की. इनमें सीपीआई के महासचिव डी. राजा भी शामिल थे. सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने ट्वीट करके कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे का फोन आने की जानकारी दी और कहा कि सीपीआई धर्मनिरपेक्ष साख और प्रगतिशील दृष्टिकोण वाले संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन करेगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक बार सभी दलों से अनौपचारिक बातचीत के बाद सभी विपक्षी दलों की दिल्ली में संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें आगामी रणनीति पर विचार होगा. कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस सभी विपक्षी दलों के बीच आम सहमति बनाने में विश्वास करती है. इसी के तहत हमारे पास एक संयुक्त उम्मीदवार होगा जो समान विचारधारा वाले दलों के धर्मनिरपेक्ष विचारों का प्रतिनिधित्व करेगा.
मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है. 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने मीरा कुमार को मैदान में उतारा था. वह जीत तो नहीं पाईं लेकिन हारकर भी एक रिकॉर्ड बना गईं. उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में हारने वाले अब तक के किसी भी उम्मीदवार से सबसे ज्यादा वोट मिले थे. मीरा कुमार को डाले गए 10.69 लाख वैध मतों में से 3.67 लाख वोट मिले थे. इस बार शिवसेना और टीआरएस के अतिरिक्त समर्थन से विपक्ष के पास इस रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका है.
President Election 2022: कांग्रेस आप के संपर्क में, संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने के पक्ष में बनेगी सहमति!
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