करीब दो साल बाद एक बार फिर दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक सियासी चहल कदमी बढ़ गई है. केंद्र सरकार ने घाटी को लेकर एक नया ‘प्लान’ बना लिया है. इसी को लेकर एक बार फिर सियासत ‘उफान’ पर है. आज दिल्ली से लेकर घाटी तक बैठकों का दौर जारी है. कांग्रेस, एनसीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस बैठक करने को लेकर व्यस्त हैं. मोदी सरकार की कश्मीर पर इस नई कार्ययोजना में महत्वपूर्ण भूमिका राष्ट्रीय मुख्य सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने निभाई है.
जिसकी घाटी में भी ‘आहट’ सुनाई दे रही है. पिछले दिनों डोभाल और गृहमंत्री अमित शाह की कश्मीर को लेकर हुई ‘हाईलेवल’ की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर को लेकर ‘बड़ा फैसला’ ले सकते हैं. कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार की एक बार फिर तेज होती सक्रियता के बाद राजनीतिक गलियारे में ‘हलचल’ बढ़ी हुई है . बात कश्मीर की है तो पड़ोसी पाकिस्तान ने भी ‘कान’ लगा लिए हैं .
‘इमरान सरकार को आशंका है कि कश्मीर पर भारत कोई बड़ा फैसला कर सकता है’. दूसरी ओर ‘कांग्रेस पार्टी को भाजपा सरकार के कश्मीर मसले पर राजनीतिक दलों के साथ सियासी मिलन पर स्वाद नहीं आ रहा है’. कांग्रेस के नेताओं ने मोदी सरकार से ‘जवाब’ मांगना शुरू कर दिया है. यहां हम आपको बता दें कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों को 24 जून को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया है’.
बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन समेत आदि पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. फारुक और महबूबा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बैठक में शामिल होने के लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का ‘संशय’ बना हुआ है. बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेता शामिल हो रहे हैं.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के करीब दो साल बाद केंद्र सरकार को लगने लगा है कि अब हालात सामान्य हो चले हैं, इसी को लेकर भाजपा सरकार फिर से ‘एक्टिव मोड’ में है. कुछ समय पहले राज्य में जिला परिषद का चुनाव हुआ जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया था. ’24 जून को घाटी के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं, सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव कराने के बारे में फैसला कर सकती है? अटकलें हैं कि सरकार जम्मू को अलग राज्य बना सकती है, कश्मीर पर भी बड़ा एलान हो सकता है’.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया था कि राज्य में स्थितियों के सुधरने पर पहले की व्यवस्था लागू की जाएगी. जबकि ‘पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित गुपकार अलायंस के घटक दल राज्य में अनुच्छेद 370 की बहाली पर जोर दे रहे हैं’. हालांकि मोदी सरकार अनुच्छेद 370 को बहाल करने की कोई योजना नहीं है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार