अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोकने एवं सुधार को गति देने के लिए अनेक अर्थशास्त्री सरकार को सुझाव दे चुके हैं, जिनमें से कुछ अर्थशास्त्री पहले मोदी सरकार का समर्थन भी कर चुके हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट (Budget 2021-22) पेश करने जा रही हैं. देशभर की नजरें भी उन पर टिकी हुई हैं. कोरोना काल में लोगों को भी उनसे काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में कांग्रेस ने भी सरकार को निम्न सुझाव दिए हैं.
1. देर से ही सही, अर्थव्यवस्था को बड़ा वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाए. इस तरह के प्रोत्साहन से लोगों के हाथों में पैसा जाएगा और मांग बढ़ेगी.
2. अर्थव्यवस्था में सबसे नीचे स्थित 20 से 30 प्रतिशत परिवारों के हाथों में कम से कम छह माह तक सीधे पैसा जाए.
3. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पुर्नजीवित करने की योजना बनाकर लागू की जाए, ताकि बंद हो चुकी यूनिट पुनः खुल सकें, खत्म हो चुकी नौकरियां फिर से शुरू हों और जिन लोगों के पास औसत शिक्षा व कौशल है, उनके लिए नई नौकरियाँ उत्पन्न हो सकें.
4. टैक्स दरों, खासकर जीएसटी एवं अन्य अप्रत्यक्ष टैक्स दरों (यानि पेट्रोल व डीज़ल के टैक्स दरों) में कटौती की जाए.
5. सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़ाए जाएं.
6. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पैसा पहुंचाया जाए और उन्हें हर लोन पर जाँच एजेंसियों की निगरानी के भय के बिना कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
7. संरक्षणवादी नीतियों को खत्म किया जाए, दुनिया के साथ फिर से जुड़ें, ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते हों एवं आयात के खिलाफ पूर्वाग्रह का त्याग किया जाए.
8. दूरसंचार, बिजली, खनन, निर्माण, विमानन एवं पर्यटन व आतिथ्य के लिए सेक्टर विशेष पुनरोद्धार पैकेज बनाए जाएं.
9. टैक्स कानूनों में किए गए संशोधनों की समीक्षा कर उन संशोधनों को रद्द करें, जिन्हें व्यापक रूप से टैक्स टेररिज़्म माना गया है.
10. आरबीआई, सेबी, ट्राई, सीईआरसी एवं अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों द्वारा बनाए गए उन नियमों की विस्तृत व समय सीमा में समीक्षा की जाए, जिन्हें व्यापक रूप से अति-नियमन के रूप में देखा गया.
साभार -न्यूज़ 18