रविवार को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है और उनसे बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग की है. गांधी ने अपने पत्र में कहा है कि वह इन बढ़ी कीमतों को वापस लेकर मध्यम और वैतनिक वर्ग के लोगों, किसानों और गरीबों समेत सभी नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि पेट्रोल-डीज़ल और गैस की बढ़ी कीमतों को लेकर देश के हरेक नागरिक को परेशानी और संकट का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक तरफ लोगों की नौकरियों, वेतन और घरेलू तनख्वाह में व्यवस्थित कटौती जारी है.
सोनिया गांधी ने लिखा कि देश का मिडिल क्लास और हाशिये पर रह रहे लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं. ये चुनौतियां तेजी से बढ़ रही महंगाई और घरेलू जरूरत के सभी सामानों में हो रही अभूतपूर्व वृद्धि के चलते बड़ी हो रही हैं. इस संकट की घड़ी में सरकार लोगों की परेशानियों से लाभ कमाने की कोशिशों में लगी है. गांधी ने लिखा कि ईंधन के दामों में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है. यहां तक कि, देश में कई जगहों पर पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये का आंकड़ा छू चुकी हैं
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा कि कीमतें ”ऐतिहासिक एवं अव्यावहारिक’’ हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह जीडीपी ”गोता खा रही” है और ईंधन के दाम बेतरतीब बढ़ रहे हैं, सरकार अपने आर्थिक ”कुप्रबंधन” का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ने में लगी है. गांधी ने लिखा ईंधन के बढ़े दाम वापस लें और इसका लाभ हमारे मध्यम एवं वेतनभोगी वर्ग, किसानों, गरीबों तक पहुंचाएं.
सोनिया गांधी ने लिखा कि संदर्भ सहित आपको बता दूं कि क्रूड ऑयल की कीमतें यूपीए के कार्यकाल से लगभग आधी हैं. इसके बावजूद भी आपकी सरकार 20 फरवरी तक लगातार 12 दिन तक ईंधन की कीमतें बढ़ाती रही. सोनिया गांधी ने लिखा कि मैं ये समझ नहीं पा रही हूं कि कोई सरकार इसे कैसे इस विचारहीन और संवेदहीन फैसले को कैसे उचित सिद्ध कर सकती है.