अभी कुछ दिनों पहले कांग्रेस में बवाल एक खत को लेकर था. खत का मजमून यह था कि अब पार्टी का हाल और हुलिया दोनों बदलना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है को अगले 50 साल तक विपक्ष में ही रहना होगा.
उस खत पर कद्दावर लोगों के दस्तखत थे जिसमें गुलामनबी आजाद के साथ कपिल सिब्बल और शशि थरूर के भी हस्ताक्षर थे. कांग्रेस की तरफ से जनरल सेक्रेटरी की एक सूची जारी की गई है जिसमें कम से कम गुलामनबी आजाद का नाम नजर नहीं आ रहा है. यूं कहें को उनका नाम शामिल नहीं है. ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस में घमासान मच सकता है.
दरअसल कांग्रेस के करीब 23 नेताओं की तरफ से सोनिया गांधी को खत लिखा गया था. लेकिन कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले वो खत लीक हो गया.
उस खत पर कांग्रेस कार्यसमिति में चर्चा हुई और कांग्रेस सांसद मे परोक्ष तौर पर दस्तखत करने वाले नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ दिग्गज ऐसे हैं जिनकी बीजेपी से साठगांठ है और उसका नतीजा दिखाई भी दिया.
राहुल गांधी के इस तरह के बयान पर कपिल सिब्बल बेहद खफा हुए और यहां तक कह दिया कि पार्टी से बड़ा देश है. इसके साख दुख भी जताया कि किस तरह से अदालती लड़ाई में उन्होंने पार्टी का साथ दिया और उसका सिला यह मिल रहा है.
उसी खत के बारे में गुलामनबी आजाद ने कहा था कि आखिर गलत ही क्या था. इस तरह के खत इंदिरा गांधी के जमाने में भी लीक हुआ करते थे. अगर पार्टी के कुछ लोगों को लगता है कि अब समय आ चुका है जब बड़े पैमाने पर बदलाव होना चाहिए तो उसका विरोध नहीं होना चाहिए.