सोमवार सुबह से ही केंद्र सरकार और पीएम मोदी राज्य सरकारों के साथ कोरोना टीकाकरण को लेकर तैयारी में जुटे हुए थे, लेकिन दोपहर होते-होते सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून और किसानों के समर्थन में केंद्र को बड़ी फटकार लगाते हुए कई सवाल खड़े किए.
जिसके बाद ‘भाजपा सरकार का चेहरा मुरझा गया, जब इस बात की कांग्रेस को जानकारी हुई तो उसने केंद्र सरकार के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया’। सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब हजारों की संख्या में कई राज्यों के किसान डेढ़ महीने से दिल्ली बॉर्डर में कड़कड़ाती ठंड में डेरा जमाए हुए हैं.
‘सबसे बड़ी बात यह रही कि आज चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने केंद्र सरकार से साफतौर पर कह दिया कि आपका यह कृषि कानून देश के लिए घातक है’. उसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने इस कानून को लेकर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे. ‘बोबडे ने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों पर आपने रोक नहीं लगाई तो, हम रोक लगा देंगे, इस मामले को आप सही तरीके से हैंडल नहीं कर पाए तो हमें कुछ एक्शन लेना पड़ेगा’.
दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से और समय मांगा तो चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि ‘हमें धैर्य पर लेक्चर मत दीजिए’. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से दो टूक पूछा कि क्या आप ‘कानून को होल्ड कर रहे हैं या नहीं, अगर नहीं तो हम कर देंगे’. कृषि कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक्शन के बाद कांग्रेस भी केंद्र सरकार के प्रति आक्रामक मूड में है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार