कोर्ट की बनाई गई इस कमेटी पर किसानों के विरोध के साथ कांग्रेस भी कूद पड़ी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो चिंता जाहिर की उसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन जो चार सदस्यीय कमेटी बनाई वो चौंकाने वाला है. ये चारों सदस्य पहले ही काले कानून के पक्ष में अपना मत दे चुके हैं.
ये किसानों के साथ क्या न्याय कर पाएंगे ? सुरजेवाला ने कहा कि ‘ये चारों तो मोदी जी के साथ खड़े हैं, ये क्या न्याय करेंगे. वहीं ‘राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा कि, क्या कृषि-विरोधी कानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है? ये संघर्ष किसान-मजदूर विरोधी कानूनों के खत्म होने तक जारी रहेगा.
जय जवान, जय किसान’. दूसरी ओर कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा, कमेटी में चार सदस्य हैं. उनमें तीन सदस्य पहले ही कानून वापसी के खिलाफ हैं. सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय है वह आधा गिलास भरा आधा गिलास खाली है.
‘दूसरी ओर कमेटी पर उठ रहे सवालों के बीच एक सदस्य अनिल घनवंत ने कहा है कि किसानों का आंदोलन पिछले 50 दिनों से जारी है और इस दौरान कई किसान शहीद हुए हैं. धनवंत ने कहा कि इस आंदोलन को कहीं तो रुकना चाहिए और किसानों के हित में कानून बनाना चाहिए’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार