कांग्रेस नेता सिद्धू ने कैप्टन पर गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी और पुलिस फायरिंग केस में ‘बादल परिवार को बचाने का आरोप लगाया है’. बैठक के बाद सिद्धू ने कहा कि वह हाईकमान के बुलाने पर यहां आए थे. उन्होंने कहा कि ‘मेरा स्टैंड वही था, वही है और वही रहेगा.
लोगों की लोकतांत्रिक शक्ति जो टैक्स के रूप में सरकार के पास जा रही है उसे लोगों के पास लौटना चाहिए. प्रत्येक नागरिक को विकास पथ का शेयर होल्डर बनाना चाहिए. सच को दंडित किया जा सकता है लेकिन हराया नहीं जा सकता. दूसरी ओर ‘पंजाब कांग्रेस के 25 विधायकों की पैनल संग बैठक के साथ जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने भी कैप्टन के खिलाफ आक्रामक रुख बरकरार रखा.
25 विधायकों के अलावा पांच सांसद और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी पैनल से मुलाकात की. परगट सिंह ने मीटिंग के बाद कहा कि कांग्रेस विधायकों की शिकायत मुद्दों पर आधारित है और इनका समाधान किया जाना बाकी है. ‘आपको बता दें कि सिद्धू ने बेअदबी के मामले में सीएम अमरिंदर सिंह की खुलकर आलोचना की थी’ दोनों के बीच इस पर जुबानी जंग भी देखने को मिली थी’.
पिछले दिनों से गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी मामले को लेकर पंजाब कांग्रेस के भीतर ‘हंगामा’ मचा हुआ है. गौरतलब है कि हाल ही में उच्च न्यायालय ने 2015 में फरीदकोट में प्रदर्शनकारियों पर गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की घटना की जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.
पिछले विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर समेत पूरी कांग्रेस ने इस मामले में सुखबीर बादल को जिम्मेदार ठहराया था. अब साढ़े चार साल बाद भी बादल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसी को लेकर सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार