एक महीने 17 दिन पहले यानी 7 जुलाई को मोदी सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार कर रही थी. इस कैबिनेट विस्तार में ‘पहले नंबर’ पर नारायण राणे ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. तब नारायण राणे ने सोचा भी नहीं था कि वह इतनी जल्दी पुलिस की ‘गिरफ्त’ में होंगे.
बात को आगे बढ़ाने से पहले यह भी जान लेते हैं कि साल 2019 के नवंबर महीने में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना से दोस्ती टूटने के बाद भाजपा हाईकमान ने राज्य में सरकार बनाने के लिए नारायण राणे को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों को तोड़ने के लिए ‘मिशन’ पर लगाया हुआ था. हालांकि राणे इसमें कामयाब नहीं हो सके थे. लेकिन वह गृहमंत्री अमित शाह के करीब जरूर आ गए थे.
इसी का उन्हें मोदी सरकार ने पिछले महीने कैबिनेट मंत्री बनाकर इनाम भी दिया था. वह वर्तमान में भाजपा से राज्यसभा सांसद भी हैं. राणे शुरू से ही विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. अब बात को आगे बढ़ाते हैं.
‘केंद्रीय मंत्री राणे की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक सियासी भूचाल मचा हुआ है’. इसके साथ भाजपा और शिवसेना नेताओं के बीच ‘जुबानी जंग’ भी तेज है. जहां शिवसेना मोदी सरकार पर नारायण राणे को बर्खास्त करने की मांग कर रही है वहीं केंद्रीय मंत्री राणे के विवादित बयान पर भाजपा नेताओं की अलग-अलग ‘राय’ सामने आई है.
आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है, जिससे राजनीति गरमाई हुई है. बता दें कि महाराष्ट्र में नारायण राणे भाजपा की ‘जन आशीर्वाद’ यात्रा पर हैं. एक दिन पहले सोमवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले मेंं केंद्रीय मंत्री राणे की एक कार्यक्रम के दौरान ‘जुबान’ फिसल गई. पत्रकारों ने जब उनसे सवाल पूछा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में उद्धव ठाकरे अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर भ्रम में दिखे. इस पर राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं, अरे हीरक महोत्सव क्या, मैं होता तो (तमाचा) कान के नीचे लगाता’.
राणे के बयान पर आपत्ति जताते हुए शिवसेना ने राज्य में कई जगह तोड़फोड़ की, नासिक स्थित बीजेपी के दफ्तर पर नारे लगाते हुए पत्थर फेंके गए. वहीं राणे के आवास के पास शिवसेना, बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई. यही नहीं केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ महाराष्ट्र में कई शहरों में एफआईआर दर्ज भी की गई.
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने नारायण राणे को मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र के रत्नागिरी के चिपलून में गिरफ्तार कर लिया गया है. अब राणे को रत्नागिरी कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि ‘पिछले दिनों मुंबई में बाला साहब ठाकरे की समाधि पर केंद्रीय मंत्री राणे के श्रद्धांजलि देने पर शिवसेना के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी, जहां नारायण राणे ने बाल ठाकरे की समाधि पर पुष्प चढ़ाए थे, उस जगह को गंगाजल से साफ भी किया गया था’. सही मायने में शिवसेना नारायण राणे से बदला लेने के लिए कई सालों से फिराक में थी, अब जाकर उसे मौका मिला है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार