हाथरस गैंगरेप के मामले योगी सरकार की सबसे ज्यादा किरकिरी हो रही है. पूरे देश भर का मीडिया हाथरस के पास गांव चंद्रपा में डेरा जमाए हुए हैं.
चैनलों से जुड़े मीडिया कर्मियों की पुलिस के साथ आज सुबह से ही धक्का-मुक्की और झड़प हो रही हैं. जिसको पूरा देश देख रहा है.
इससे योगी सरकार की नहीं है बल्कि पूरे सिस्टम और भाजपा सरकार की देशभर में थू थू हो रही है. आखिरकार वहां का पुलिस प्रशासन मीडिया कर्मियों से क्या तथ्य छुपाना चाहता है.
हाथरस जनपद में इस घटनाक्रम को देखकर योगी हाथरस के डीएम और एसपी से जबरदस्त नाराज हैं. हो सकता है सीएम योगी आदित्यनाथ आज शाम तक दोनों पर कार्रवाई भी कर सकते हैं.
जिस तरीके से हाथरस प्रशासन ने इस पूरे मामले को हैंडल किया है उससे सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं.
बता दें कि इस पूरे केस में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी ने जिस तरह से कार्रवाई की, उसके बाद से ही वो निशाने पर हैं.
डीएम प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं. पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है.
गुरुवार को एक वीडियो सामने आया, जिसमें हाथरस के डीएम पीड़ित परिवार को धमकी देते दिख रहे हैं.
हाथरस के डीएम कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, लेकिन प्रशासन को यहीं रहना है. हाथरस के पीड़ित परिवार का कहना है कि उनको धमकाया जा रहा है.
केस को रफा-दफा करने के लिए दवाब डाला जा रहा है. पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर भी हाथरस प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं.
पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया था. बीजेपी के अंदर से ही इस फैसले के खिलाफ आवाज उठने लगी है. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि पीड़िता का शव परिजनों को दिया जाना चाहिए था.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार