यूपी विधानसभा चुनाव अभी शुरू होने में कुछ माह बचे हैं लेकिन राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच ‘जुबानी जंग’ तेज होती जा रही है. सभी दल एक-दूसरे पर राज्य की जनता के भलाई के लिए काम नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं.
इसके साथ चुनाव में अपनी पैठ बनाने के लिए प्रदेश में नेताओं के दौरे भी तेज होते जा रहे हैं. आज सियासी जंग की शुरुआत आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अयोध्या के दो दिवसीय दौरे से हुई.
केजरीवाल ने अयोध्या में हनुमानगढ़ी और राम लला के दर्शन किए. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यूपी में सरकार बनने पर सभी को ‘निशुल्क’ अयोध्या दर्शन कराने का एलान भी कर गए. केजरीवाल के ‘हिंदुत्व पॉलिटिक्स’ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधा.
दूसरी ओर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर जमकर बरसे. पहले बात शुरू करते हैं सीएम योगी से. मंगलवार को भाजपा के पिछड़ा वर्ग सम्मलेन को संबोधित करते हुए ‘सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केजरीवाल से कोरोना काल में दिल्ली नहीं संभला और चुनावी मौसम में उन्हें राम की याद आ गई.
सीएम योगी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को भगाया था, अब चुनाव में यूपी नजर आ रहा है. जब इनको मौका मिला था, तब इन्होंने यूपी और बिहार के प्रवासियों को दिल्ली में नहीं रोक सके, उनके लिए रहने-खाने की व्यवस्था नहीं कर सके.
अब उनको तरह-तरह की चीजें मुफ्त उपलब्ध कराने के वादे करके चुनाव में फायदा उठाना चाहते हैं. पहले भगवान राम को गाली देते थे, लेकिन आज जब लगता है कि बिना भगवान राम के नैया पार होने वाली नहीं है तो अयोध्या में भगवान प्रभु श्रीराम के दर्शन करने आ रहे हैं.
ठीक है, कम से कम राम के अस्तित्व को स्वीकार तो किया’. उन्होंने कहा कि इनकी बातों से दूर ही रहना है, नहीं तो ये जनता को भ्रमित करते रहेंगे. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और हिंदुत्व के मुद्दे पर योगी सरकार चंद महीनों में होने जा रहे प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जनता के पास जाने के लिए कमर कस चुकी है. अब बात करेंगे बात करेंगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार