लखनऊ| यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नई जनसंख्या नीति का ऐलान किया. योगी ने इसे लेकर एक पुस्तिका जारी की और कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या विकास की राह में बाधक है.
उन्होंने बढ़ती हुई जनसंख्या को लेकर चिंता जताते हुए कहा, ‘विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आज यूपी की जनसंख्या नीति जारी हो रही है. समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार इसे लागू करेगी.
जनसंख्या का मुद्दा समाज की जागरूकता से जुड़ा है. समाज में जहां गरीबी है वहां जनसंख्या वृद्धि होती है. सभी कदमों को ध्यान में रखते हुए जब तक हम अभियान नहीं चलाएंगे तब तक हमें लक्ष्य नहीं प्राप्त होगा.’
सीएम योगी ने कहा कि जनसंख्या नीति का संबंध केवल जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ ही नहीं है बल्कि हर एक नागरिक के जीवन में खुशहाली और समृद्धि का रास्ता उसके द्वार तक पहुंचाना भी है. सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में और भी प्रयास करने की जरूरत है जिसके तहत हम लोगों को जागरूक करेंगे और इसके लिए स्कूलों और अन्य माध्यमों का सहारा लिया जाएगा.
हमें बढ़ती हुई आबादी के बारे में सोचना होगा और इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा. यूपी में बढ़ती प्रजनन दर को रोकना होगा. दो बच्चों के बीच में अंतर स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है. सरकार ने कहा है कि इसके जरिए वह बढ़ती हुई जनसंख्या पर काबू पाना चाहती है.
जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा.
सीएम योगी ने आगे कहा कि जिन देशों, राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रयास किए वहां सकारात्मक नतीजे देखने को मिले. आपको बता दें कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा.