आज बात करेंगे मध्य प्रदेश के सीधी जनपद की. पिछले दिनों इसी जिले में एक बस नहर में समा गई थी, जिसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में अधिकांश छात्र थे, जो परीक्षा देने जा रहे थे. इस हादसे के बाद सीधी जनपद के पुलिस प्रशासन की लापरवाही सामने आने पर अफसरों की नींद उड़ी हुई है.
दुर्घटना की गूंज राजधानी भोपाल में भी सुनाई दी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दूसरे दिन सीधी जनपद जाकर मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे. पूरे दिन के दौरे के बाद शिवराज सिंह चौहान ने रात वहीं गेस्ट हाउस में रुकने का फैसला किया. जहां मुख्यमंत्री रुके हुए थे उस गेस्ट हाउस में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ था.
वीआईपी रूम में मच्छरदानी की व्यवस्था नहीं थी. न ही मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव किया गया. सीएम शिवराज जब मच्छरों से परेशान हो गए, तब रात के ढाई बजे मच्छर मारने वाली दवा मंगाई गई। रात में मुख्यमंत्री चौहान को मच्छर काटते रहे.
जिससे शिवराज को पूरी रात जाकर गुजारनी पड़ी. सीएम की नींद में खलल पड़ा तो प्रशासन अधिकारियों में सुबह हड़कंप मच गया. मुख्यमंत्री ने इस लापरवाही के पीछे सर्किट हाउस के प्रभारी इंजीनियर बाबूलाल गुप्ता को सस्पेंड कर दिया. जिले के अफसर यह अनुमान नहीं लगा पाए कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रात्रि प्रवास यही करेंगे। सीएम की कार्रवाई के बाद पूरे जिले के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार