शनिवार को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत पुरकुल गांव में भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास किया. इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा.
इस अवसर पर उन्होंने उपनल के मुख्यालय का शिलान्यास भी किया. नेताजी श्री सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर सीएम ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को ‘‘पराक्रम दिवस’’ के रूप में मनाये जाने पर उन्होंने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया.
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड के पंचम धाम के रूप में आज सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है. पीएम मोदी ने जब सैन्यधाम को पंचम धाम की संज्ञा दी गई उसके बाद इस दिशा में तेजी से प्रयास किये गये. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत और जागृत हो.
यहां कोई भी आये तो उसको इसकी वास्तविकता की पूर्ण अनुभूति हो. जो लोग यहां आयेंगे इस सैन्यधाम की मिट्टी पर पैर रखें तो उन्हें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए. सीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि भविष्य में उत्तराखण्ड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो.
प्रदेश की राजधानी में अन्य देशों एवं अन्य राज्यों से कोई देहरादून आते हैं तो सैन्यधाम में जरूर आयें. उन्होंने कहा कि राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी और शिला इस सैन्यधाम में आनी चाहिए. राज्य की प्रमुख नदियों एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये. गढ़वाल राइफल, कुमायूं रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट में दुश्मनों के दांत खट्टे करने की ताकत एवं पहचान हैं. हमारे सैनिकों की प्रेरणा देशवासियों को प्रेरित करती रहे यह परिकल्पना सैन्यधाम के पीछे है.
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि और वीरभूमि है. जब भी देश को जरूरत पड़ी हमारे जवानों ने देश की सेवा के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया और पूरी बहादुरी का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि हमारे शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में एक संग्रहालय बनाया जायेगा.
लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए. सीएम ने कहा कि जो लोग सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी. यहां पर एडवेंचर एवं उससे संबंधित गतिविधियां कर सकते हैं. देहरादून में इस भव्य सैन्यधाम को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे. विशेषज्ञ समिति इन सभी सुझावों को देखेगी, जो सुझाव सही लगेंगे. अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सभी लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं.