गुरुवार को सीएम रावत ने कुम्भ मेला 2021 की समीक्षा करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं.
सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि हरिद्वार व ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित किया जाए.
कुम्भ का आयोजन दिव्य और भव्य होगा. मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण समय पर पूरा कर लिया जाए. कुम्भ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के दृष्टिगत सुरक्षित आयोजन किया जाना है. इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग लिया जाएगा.
कुम्भ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिये जाएं. अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए.
मुख्य सचिव हर सप्ताह कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करें. स्वास्थ्य विभाग सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करे.
सीएम ने कहा कि सभी धर्मशालाओं, आश्रमों व होटलों को कोविड के दृष्टिगत क्या करें और क्या न करें, की मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने के साथ ही वहां काम करने वालों को यथासम्भव प्रशिक्षित किया जाए. सभी काम समय पर पूरे हो, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है.
व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए. हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए. राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराए जाएं.
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी. बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है.
इस पर लगभग 35 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है. हरिद्वार में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा.
लगभग 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जा रही है. एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है. बाईक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.
पूरे कुम्भ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है. किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी. अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे.