गुरूवार को सीएम रावत द्वारा सचिवालय में खरीफ खरीद सत्र 2020-21 हेतु धान क्रय सम्बन्धी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई.
सीएम ने इस वर्ष 242 धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से 10 लाख मी.टन. धान क्रय के लक्ष्य पर सहमति व्यक्त करते हुए इस सम्बन्ध में समय से सभी आवश्यक व्यवस्थाये सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये.
सीएम ने इस वर्ष इस वर्ष ए ग्रेड धान का मूल्य रूपये 1888 प्रति कुंतल तथा औसत धान का रूपये 1868 प्रति कुंतल निर्धारित किये जाने पर भी सहमति जतायी.
उन्होंने आगामी 01 अक्टूबर से की जाने वाली धान क्रय के सम्बन्घ में सभी व्यवस्थायें ससमय सुनिश्चित करने को भी कहा.
सीएम ने निर्देश दिये कि धान क्रय के सम्बन्ध में पिछले वर्ष की व्यवस्थाओं में यदि कोई कमी रह गई हो तो उसका संज्ञान लेकर उससे बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायं.
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाय.
उन्होंने धान मूल्य का किसानों को अविलम्ब भुगतान की व्यवस्था बनाने को कहा.
सीएम ने इस सम्बन्ध में सहकारिता विभाग को आवश्यक धनराशि व्यवस्था करने के साथ ही प्रबन्ध निदेशक मण्डी को भी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा.
किसानो को बेहतर सुविधाये उपलब्ध हो इसके लिए किसानों का डाटा तैयार करने पर भी ध्यान देने के निर्देश भी उन्होंने दिये.
सीएम ने निर्देश दिये कि धान की खरीद तैयार किये गये ई खरीद साफ्टवेयर के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था की जाय तथा किसानों की सुविधा के लिये उन्हें घर पर ही आनलाइन पंजीकरण कराने तथा टोकन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय.
सचिव खाद्य सुशील कुमार ने सीएम को अवगत कराया कि धान क्रय केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाये की जा रही है.
धान के लिए बौरो की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि धान क्रय के लिए खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग,एनसीसीएफ एवं नैफैड एजेंसियां निर्धारित की गई है.
कच्चा आढ़तियों के माध्यम से भी धान क्रय की व्यवस्था है जबकि खाद्य नागरिक आपूर्ति विपणन एवं आपूर्ति के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य भण्डारण निगम तथा केन्द्रीय भण्डारण निगम के स्तर पर भण्डारण की व्यवस्था है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष लगभग 2,50,000 हैक्टयर के माध्यम से धान की बुआई हुई थी, जिसके सापेक्ष 10 लाख मी.टन. धान क्रय का लक्ष्य प्रस्तावित कि गया है.
उन्होंने कहा कि कोविड के दृष्टिगत इस वर्ष किसानों की सुविधा के लिए क्रय केन्द्रों में वृद्धि की गई है.