आज बात करेंगे उत्तराखंड की सत्तारूढ़ भाजपा त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की. शनिवार सुबह तक सब कुछ ठीक चल रहा था. राज्य की भाजपा सरकार बजट सत्र में व्यस्त थी कि अचानक राजधानी देहरादून में सियासी हलचल तेज होने लगी. उस समय उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार बजट सत्र को लेकर देहरादून से लगभग ढाई सौ किलोमीटर दूर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मौजूद थी.
फिर अचानक भाजपा हाईकमान का संदेश आता है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत मंत्रियों और सांसदों को तत्काल देहरादून पहुंचना है. फिर क्या था आनन-फानन में विधानसभा में बचे हुए विधेयक पारित कराए गए. उसके बाद सत्र अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया. स्थगित किया गया विधानसभा सत्र कांग्रेस पार्टी को नागवार गुजरा . क्योंकि कई मुद्दे ऐसे थे जिस पर कांग्रेसी उत्तराखंड सरकार से जवाब चाहती थी.
गैरसैंण में बजट सत्र स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य मंत्री देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस के लिए दोपहर प्लेन से रवाना हुए. बता दें कि इसी बैठक की वजह से बजट सत्र का समापन समय से पहले किया गया. उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ है कि बजट सत्र के बीच ही आपातकालीन बैठक बुलाई गई हो. बताया जा रहा है कि भाजपा उत्तराखंड के कई विधायक और नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से इस बात की शिकायत की थी कि उनकी बात त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में नहीं सुनी जा रही है.
इस शिकायत को भाजपा हाईकमान ने गंभीरता से लेते हुए दो पर्यवेक्षकों मुख्यमंत्री रमन सिंह, पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार को देहरादून भेजा गया. पार्टी के पर्यवेक्षकों ने भाजपा कोर ग्रुप की बैठक भी बुलाई, जिसमें राज्य के स्थानीय से बड़े नेताओं को भी आमंत्रित किया गया. बता दें कि उत्तराखंड का बजट सत्र एक मार्च को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में शुरू हुआ था. जिसे अभी एक या दो दिन और चलने की संभावना जताई जा रही थी .
भाजपा हाईकमान को अपने दो पर्यवेक्षक देहरादून भेजने पड़े
यहां हम आपको बता दें कि 5 मार्च शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड विकास के लिए भारी-भरकम पैकेज की घोषणा भी की थी. यही नहीं उन्होंने इसके बाद बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कई फैसलों पर भी मुहर लगाई. लेकिन इसके ठीक एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री का विरोधी खेमा भारी पड़ता हुआ दिखाई दे गया. उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह आकस्मिक बैठक अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव और पार्टी के अंदर चल रही खींचतान को लेकर ही बुलाई गई है.
भाजपा कोर ग्रुप की बैठक पर गृहमंत्री अमित शाह पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी नजर लगाए हुए हैं . इस बैठक में उत्तराखंड भाजपा के सांसदों और विधायकों के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत भी मौजूद रहे. पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत कुमार ने भाजपा के सभी सांसदों और विधायकों से भी चर्चा की है. मालूम हो कि विरोधी खेमा त्रिवेंद्र सिंह रावत से पिछले काफी समय से नाराज चल रहा है और उन्हें बदलने की मांग भी करता आया है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री अभी तक मंत्रिमंडल में विस्तार भी नहीं कर पा रहे हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए भाजपा हाईकमान ने अचानक बैठक बुलाने का फैसला किया. अभी फिलहाल भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में क्या फैसले हुए, बाहर नहीं आ सके हैं लेकिन सुगबुगाहट तेज हो गई है.
दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने उत्तराखंड में किसी तरह से नेतृत्व परिवर्तन से इनकार करते हुए इस सियासी घटनाक्रम पर पटाक्षेप करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि सरकार के चार साल के कार्यक्रम को लेकर कोर ग्रुप में चर्चा की गई है. लेकिन इस भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक को लेकर राजधानी देहरादून में सियासी पारा चढ़ा हुआ है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार