रविवार को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई भीषण आपदा के तुरन्त बाद आपदा स्थल का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. घटना स्थल से लौटने के बाद सचिवालय स्थित मीडिया सेन्टर मंे पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर फटने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्यों के लिए घटना स्थल पर पहुंची.
सीएम ने कहा कि वे गढ़वाल कमिश्नररविनाथ रमन एवं डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग के साथ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे. उन्होंने जिलाधिकारी चमोली से पूरी जानकारी ली. मुख्य सचिवओम प्रकाश एवं सचिव आपदा प्रबंधनएस.ए.मुरूगेशन ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र सचिवालय में मौजूद रहकर लगातार स्थिति पर नजर रखी तथा आवश्यक दिशा निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिये.
सीएम ने कहा कि इस आपदा से रैणी के समीप स्थित ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान के साथ ही तपोवन स्थित एनटीपीसी की विद्युत परियोजना का भी कुछ नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि इस आपदा में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 125 लोग लापता है. रैणी क्षेत्र के 5 लोगो की भी इसमें अपनी जान गवानी पडी है. अब तक सात लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मृतको के आश्रितों को तात्कालिक रूप में 4-4 लाख की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है.
सीएम ने कहा कि हमारा पहला उदेद्श्य जान माल की सुरक्षा का है. ऋषिगंगा व एनटीपीसी द्वारा उन्हे हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. सीएम ने बताया कि इस क्षेत्र में एक बड़ा तथा 4 छोटे पुलों को नुकसान पहुंचा है. इससे प्रभावित लगभग 11 गांवों को आवश्यक सहायता आदि उपलब्ध कराने के लिये आर्मी हेलीपैड एवं एसडीआरएफ के जवानों के साथ ही आर्मी एवं राज्य सरकार के हेलीकाप्टरों की व्यवस्था के साथ ही आवश्यक चिकित्सा सुविधा के लिये डाक्टरो की भी व्यवस्था की गई है.
सीएम ने बताया कि रैणी के निकट नीति घाटी को जोडने वाले जिन सड़कों एवं पुलों को हुए नुकसान से जिन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया है उनमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोलमा, फगरासु आदि गांव शामिल है, तथा पुलों में रैणी मे जुगजू का झूला पुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल तथा पैंग मुरण्डा पुल बह गया है. रैणी मे शिवजी व जुगजू मे मां भगवती मंदिर भी आपदा मे बह गए है.
सीएम ने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है, खतरे वाली बात नहीं है. विद्युत परियोजना की सुरंग में मलबा अंदर तक जमा है और सुरंग तक पहुंचना अत्यंत कठिन था. मशीन का सुरंग में जाना मुश्किल था, इसलिए आईटीबीपी के जवान रोप के सहारे वहां पहुंचे. सुरंग में 35-40 फीट गाद जमा है. 250 मीटर लंबी इस सुरंग में अपने हौसले के जरिये जवान 150 मीटर तक पहुंच चुके हैं.
सीएम ने कहा कि एनडीआरएपफ की टीम दिल्ली से आई है और कल और जवान आएंगे. आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और हमारे डाॅक्टर आपदा स्थल पर तैनात किए गए हैं. ऐरियल सर्वे कर उन्होंने स्वयं स्थिति का जायजा लिया. किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर वहां आर्मी, वायुसेना और राज्य के हेलीकाॅप्टर तैनात कर दिए हैं. हमारी मेडिकल टीम हर परिस्थिति के लिए तैयार है और 90 जवानों को भी वहां पहुंचा दिया गया है.
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी को जब खबर लगी तो उन्होंने उनसे फोन पर बात कर चिंता व्यक्त की और कहा कि मदद की जरूरत पड़ने पर वे मदद के लिए तैयार हैं. पीएम मोदी ने मृतक आश्रितो को 02-02 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी, बिहार के सीएम नीतिश कुमार, सीडीएस जनरल विपिन रावत आदि ने भी हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. आचार्य बालकृष्ण ने सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि वे अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए तैयार हैं और हर स्थिति में सरकार के साथ हैं. शान्तिकुंज एवं विवेकानन्द अस्पताल पीपलकोटी ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है.
सीएम ने इस भीषण आपदा से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में अफवाह फैलने से बचाने में योगदान देने के लिए मीडिया को भी धन्यवाद दिया. सीएम ने कहा कि हर जरूरत की पूर्ति करने की पूरी व्यवस्था हमारे पास है. हमारे पास रेस्क्यू टीम, मेडिकल, हेलीकाॅप्टर, एक्सपर्ट पर्याप्त मात्रा में है.
सरकार का पूरा ध्यान जिनका जीवन बचा सकते हैं, उनकी ओर है. उन्होंने बताया कि रूद्रप्रयाग के करीब पानी स्वच्छ है. उन्होंने कहा कि आपदा की सूचना मिलते ही श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के बांध से पानी खाली कर दिया गया था. साथ ही गंगा व अलकनंदा के किनारे तुरंत हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था.
इससे पूर्व सीएम ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र का भी निरीक्षण किया तथा शासन के उच्चाधिकारियों के साथ आपदा से उत्पन्न स्थिति पर विचार विमर्श किया.
सीएम ने निर्देश दिये कि आपदा प्रभावित क्षेत्र मंे राहत एवं बचाव कार्यो की निरन्तर निगरानी की जाय. उन्होंने कहा कि इसके लिये वांछित धनराशि की अविलम्ब व्यवस्था सुनिश्यित की जाय. बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिवअमित नेगी,एस.ए मुरूगेशन, आयुक्त गढ़वालरविनाथ रमन, डीआइजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे.
जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई इस भीषण आपदा में बचाव व राहत कार्यो के सम्बन्ध में आईटीबीपी के कमांडेंट शेंदिल कुमार ने बताया कि आईटीबी के 250 जवान रेस्क्यू स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू आॅपरेशन कर रहे हैं. जिसमें मेडिकल ऑफिसर सहित आठ ऑफिसरभी शामिल है.
एनटीपीसी पाॅवर हाऊस के आस पास के ईलाके में कार्य कर रहे हैं. 10 से 15 लोग टनल में कहीं फंसे हैं, अभी अनुमान है कि ये लोग जिंदा है. इनको निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं. गौचर में आईटीबीपी की आठवीं बटालियन की दो टीमें जिसमें 90 जवान हैं, घटना स्थल के लिए निकल चुके हैं.
इसके अलावा गौचर एवं देहरादून में एक-एक कम्पनी आदेश की प्रतीक्षा कर रही है. उत्तरकाशी में मातली एवं महिडाण्डा में भी एक-एक कम्पनी इस टास्क के लिए तैयार है. इसके अलावा स्पेशलिस्ट माउंटयरिंग एवं स्कीइंग इंस्ट्टीयूट औली की दो टीमे तपोवन एरिया में पहुंच चुकी है.
सेना के कर्नलएस. शंकर ने बताया कि जोशीमठ से सेना के 40 जवानों का एक दल तपोवन पहुंच गया है. एक दल जोशीमठ में है. दो सैन्य दल औली से जोशीमठ के लिए रिलीफ ऑपरेशन के लिए आ चुके हैं. रूद्रप्रयाग में दो सैन्य दल तैयार रखे गये है. एक इंजिनियरिंग टास्क फोर्स जोशीमठ से तपोवन पहुंच गया है.
02 मेडिकल ऑफिसर एवं दो एम्बुलेंस तपोवन पहुंच चुके हैं. आर्मी का हैलीपैड सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चालू है. कम्यूनिकेशन के लिए सिविल लाईन चालू है. बरेली से दो हैलीकाॅप्टर भी जोशीमठ पहुंच गये हैं.