उत्तराखंड टिहरी के प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी की अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन की जानकारी वाले प्रेस नोट का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सख्त संज्ञान लिया है. उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
मुख्य सचिव ओम प्रकाश को मामले की जांच के आदेश देकर उन्होंने पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में यह आदेश जारी हुआ. माना जा रहा है कि मामले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.
टिहरी के प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल की ओर से जारी प्रेस नोट में अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन की जानकारी दी गई है.
इस प्रोत्साहन योजना के तहत उन्होंने बताया कि अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह राष्ट्रीय एकता की जागृत रखने और समाज में एकता बनाए रखने में यह योजना काफी सहायक सिद्ध हो सकती है. ऐसे विवाह पर सरकार योजना के तहत 50 हजार रुपये का अनुदान देती है.
समाज कल्याण अधिकारी का यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसके बाद इसे लेकर सियासी तीर छूटने लगे. इस मसले पर भाजपा सरकार ने भी खुद को असहज महसूस किया.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में धर्म परिवर्तन कर विवाह की आड़ में सांप्रदायिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. राज्य सरकार प्रदेश में किसी भी तरह का तनाव नहीं चाहती. सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है.