सीएम रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर राज्य से संबंधित मामलों पर चर्चा की. सीएम ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं.
राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए सीएम स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं. कैम्पा में भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है. पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने क लिए भी कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है. सीएम ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया.
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर, और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं.
पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लेपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है.
सीएम ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीएम के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी.