बुधवार को सीएम रावत ने उत्तरकाशी जिले के डुंडा क्षेत्र के ग्राम चकोन धनारी में 25 लाख रुपये की लागत वाली 25 किलोवाट क्षमता की पिरूल (चीड की सूखी पत्तियां) से विद्युत उत्पादन की पहली परियोजना का लोकार्पण किया.
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए यह परियोजना बेहद उपयोगी होगी. उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने के कारण जहां अनेक पेड, औषधीय पौधे, वनस्पतियां नष्ट होते हैं, वहीं बड़ी संख्या में जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं .
उन्होंने कहा कि पिरूल से विद्युत उत्पादन परियोजना के बनने से वनों एवं जीव जन्तुओं को आग से सुरक्षा होगी तथा इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होगें.
सीएम ने कहा कि अभी राज्य को एक हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ रही है और इस प्रकार की परियोजना के बनने से राज्य को आर्थिक मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 23 लाख मीट्रिक टन सालाना पिरूल उत्पादन होता है जिससे लगभग 200 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा सकती है.
सीएम ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कालावासा काफी मात्रा में पाया जाता है. इसमें औषधीय तत्व विद्यमान हैं.
सीएम ने किसानों से कालावासा की खेती करने का आहवान करते हुए कहा कि यह विकरण किरणों से भी बचाता है तथा एंटीबायटिक हैं.