उत्तराखंड में त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री विस्तार से पहले इस मामले में हाईकमान से बात करेंगे. दरअसल, कोरोनाकाल में भाजपा शासित राज्य हिमाचल और मध्यप्रदेश में कैबिनेट का विस्तार हो चुका है, ऐसे में उत्तराखंड में भी कैबिनेट विस्तार के लिए दबाव बनना रहा शुरू हो गया है.
रविवार को देहरादून में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई. कमेटी के सदस्य भी कैबिनेट विस्तार के पक्ष में थे. उनका तर्क है कि समय रहते कैबिनेट का विस्तार हो जाना चाहिए, ताकि मंत्रियों को अपना काम दिखाने का मौका मिल सके. सदस्यों ने यह भी कहा कि यह विशेषाधिकारी सीएम के पास है.
उधर, भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर पूर्व में ही सहमति बन चुकी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह संभव नहीं हो पाया. अब मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार पहले इस मामले में हाईकमान से बात करेंगे. सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में इस दौड़ में शामिल तीन विधायकों की मुराद पूरी हो सकती है.
त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में अभी छह कैबिनेट मंत्री व दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. राज्य में कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्य शामिल किए जा सकते हैं. ऐसे में पार्टी तीन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. हालांकि, मंत्री बनने के लिए पार्टी में लंबी फेहरिस्त है. सूत्रों की मानें तो जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उसमें कुमाऊं मंडल से दो और गढ़वाल से एक विधायक को जगह मिलेगी.