शुक्रवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केदारनाथ में चिनूक हेलिकॉप्टर उतारने को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक में केदारनाथ में चिनूक जैसे बहुद्देशीय हेलिकॉप्टर को उतारने की मंजूरी मिली. देश की सुरक्षा के लिहाज से ये बेहद अहम फैसला है. उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से सटी हैं.
लद्दाख में चीन ने एलएसी पर जो सैन्य आक्रामकता दिखाई, उसके बाद से चीन सीमा से सटे इलाकों में लगातार तनाव बना हुआ है. सीमा पर चीनी सैनिकों की हरकतों को देखते हुए उत्तराखंड में सड़कों का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है. चमोली से लगे चीन सीमा क्षेत्र के नीती और माणा घाटी में भी सड़कों का निर्माण कार्य तेजी से जारी है. उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा करीब 345 किलोमीटर लंबी है.
चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चीन सीमा से सटे हुए हैं. यहां लगातार सुरक्षा बढ़ाई जा रही है. अब त्रिवेंद्र सरकार ने केदारनाथ में चिनूक हेलिकॉप्टर उतारने की भी मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद केदारनाथ में हेलीपैड का विस्तारीकरण किया जाएगा. पुनर्निर्माण कार्य में तेजी आएगी. चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए बॉर्डर एरिया में जरूरत का सामान और हैवी उपकरण पहुंचाने में आसानी होगी. शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में सीमांत क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने को लेकर भी अहम फैसले लिए गए. भारत-चीन सीमा से लगे बॉर्डर एरिया के आसपास स्थित सीमांत गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा. इन इलाकों में मोबाइल टावर लगाने के लिए निजी कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. निजी मोबाइल कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए राज्य सरकार इन कंपनियों को 40 लाख रुपये की एकमुश्त राशि देगी.
उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है. राज्य की सीमाएं चीन और नेपाल जैसे देशों से सटी हैं. राज्य सरकार यहां सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही सेना की राह आसान बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में उत्तराखंड में बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है.