पटना| अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से बिहार के सीएम नीतीश कुमार नाराज दिख रहे हैं.
रविवार को पटना में आयोजिति जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान बड़ा बयान देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे सीएम बनने की कोई लालसा नहीं थी.
एक हिंदी अखबार की खबर के अनुसार, नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए गठबंधन जिसे चाहे सीएम बना ले मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है और ना ही मुझे किसी पद का मोह है.
नीतीश ने आगे कहा, ‘ मेरी सीएम बनने की जरा भी इच्छा नहीं थी. मुझ पर दबाव डाला गया था तब मैंने सीएम पद का पदभार ग्रहण किया. कोई भी सीएम बने, किसी का भी सीएम बना दिया जाए मुझे किसी भी तरह का फर्क नहीं पड़ता है.’
अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि क्या हुआ 6 विधायक चले गए तो, एक विधायक फिर भी डटा रहा है.
अपने करीबी आरसीपी सिंह को जनता दल यूनाइटेड का नया अध्यक्ष बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमने पार्टी नहीं छोड़ी है और अधिक व्यस्तता होने की वजह से पार्टी का कामकाज प्रभावित हो रहा था जिस वजह से यह कदम उठाया गया ताकि पार्टी का विस्तार भी हो सके और लोगों को ज्याद समय दे सकें.
आपको बता दें कि 2019 में तीन वर्ष के लिए जदयू के फिर से अध्यक्ष चुने गए सीएम कुमार ने राज्यसभा में अपने नेता सिंह के लिए अपना पद त्याग दिया.
नौकरशाह से राजनेता बने सिंह अब तक क्षेत्रीय पार्टी के महासचिव थे. वहीं अरुणाचल प्रदेश में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में जदयू को सात सीटें मिली थीं और भाजपा (41 सीटें) के बाद वह राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई, लेकिन उसके छह विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए.