उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने का काम जारी है लेकिन ये आग अभी सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है. क्योंकि एक तरफ जहां जंगल धधक रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की शुरुआत होने वाली है. इस बार चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है. जंगलों में लगी आग से चार धाम यात्रा पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं.
इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. जिसमें चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाएगी. इसके साथ ही सीएम धामी वनाग्नि को रोकने के लिए भी जरूरी दिशा निर्देश भी देंगे.
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की कुछ घटनाएं प्राकृतिक होती हैं तो कुछ इंसानों की खुरापात के चलते पैदा होती हैं. ऐसे में धामी सरकार जंगलों में आग लगने वालों पर भी सख्ती बरत रही है. सीएम धामी का कहना है कि राज्य सरकार जंगल में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि वनाग्नि पर काबू पाने के लिए हर मोर्चे पर कार्य हो रहा है. यही नहीं सेना की मदद लेने और अधिकारियों को भी ग्राउंड जीरो पर जाकर आग पर नियंत्रण पाने के निर्देश दिए गए हैं.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जंगल की आग हमारे लिए बड़ी चुनौती है. आग बुझाने के लिए सभी विकल्प पर काम किया जा रहा है. ये बात सीएम ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक बयान जारी कर कही. इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में वनाग्नि की चुनौती को देखते हुए अपने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिए. सीएम को लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने की जिम्मेदारी दी है. वह मंगलवार की रात देहरादून वापस लौटे.
आज यानी बुधवार को सीएम धामी हाई लेवल मीटिंग करेंगे. जिसमें चार धाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के अलावा आगामी मानसून को लेकर विभागों की तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे. सीएम धामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए रुद्रप्रयाग जाएंगे. जहां वह कलक्ट्रेट सभागार में चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक करेंगे. इसके बाद वह अगस्त्यमुनि और गिवाड़ी में चारधाम यात्रा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने का भी कार्यक्रम है. यही नहीं सीएम धामी आज वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे.
सीएम धामी बैठक के दौरान गर्मियों के दिनों में होने वाले पेयजल संकट की भी समीक्षा करेंगे. बता दें कि गर्मियां आते ही राज्य के कई इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. इसीलिए सीएम धामी पेयजल संकट को लेकर भी गंभीर हैं.
उत्तराखंड: जंगलों में लगी आग से चार धाम यात्रा पर भी संकट के बादल, सीएम धामी ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग
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