बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक राजपुरा हल्द्वानी में अपने पुराने दलित मित्र एवं कार्यकर्ता के घर भोजन पर पहुंचे. धामी कार्यक्रम के तुरंत बाद पार्टी के बहुत पुराने अनुसूचित कार्यकर्ता नंद किशोर आर्य के घर राजपुरा भोजन पर पहुंचे.
नंदकिशोर आर्य वर्तमान में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते है, नंदकिशोर आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री वास्तव में गरीबों के मसीहा है, उन्होंने मुझ जैसे गरीब के घर भोजन कर धन्य कर दिया. मुख्यमंत्री ने नन्दकिशोर की आंख के इलाज का वायदा किया नंदकिशोर के परिजनों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया.
अचानक राजपुरा में मुख्यमंत्री के आने से राजपुरा के निवासी गदगद हुये. राजपुरा निवासियों एवं महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया, जिसके समाधान हेतु मुख्यमंत्री ने तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
पिछले महीने कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य अचानक मंत्री पद ठुकराकर बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हो गए थे. यही नहीं, आर्य अपने साथ नैनीताल से विधायक अपने बेटे संजीव को भी कांग्रेस में ले गए.
आर्य को दलित राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता है. चुनावों से ऐन पहले बीजेपी छोड़कर यशपाल का चला जाना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी को दलित वोट छिटकने का डर सताने लगा है.
विपक्षी कांग्रेस लगातार दलित वोटरों को साधने की कोशिश में है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तो साफ-साफ ऐलान कर चुके हैं कि 2017 के चुनावों में जो दलित वोटर कांग्रेस से दूर गया था, वो 2022 में कांग्रेस के साथ आएगा, जिसके लिए यशपाल आर्य को पार्टी ने फिर जोड़ लिया है. साथ ही, हरीश रावत जगह-जगह दलित बस्तियों में जाकर कार्यक्रम भी कर रहे हैं.