दो दिनों पहले तक पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाबा केदारनाथ धाम आने को लेकर उत्साह के साथ पूरी तैयारियों में लगे हुए थे.
लेकिन सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों का भारी विरोध धामी सरकार को सकते में डाल गया.
बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना पहुंचे थे लेकिन पहले से ही देवस्थानम बोर्ड बनाने को लेकर गुस्साए बैठे तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को बाबा के दर्शन नहीं करने दिए. जिसके कारण त्रिवेंद्र सिंह को वापस लौटना पड़ा था.
इसके साथ तीर्थ पुरोहितों ने एलान भी किया था कि वह प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर भी चारों धामों में सड़क पर आकर देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने को लेकर अपना विरोध-प्रदर्शन करेंगे. पुरोहितों की इस चेतावनी के बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नींद उड़ी हुई है.
सीएम धामी नहीं चाहते कि पीएम मोदी के बाबा केदारनाथ दौरे को लेकर किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन सामने आए.
इसी को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने अपनी सरकार के मंत्रियों को मंगलवार से ही केदारनाथ धाम के साथ अन्य तीनों धामों में भेजकर नाराज पंडे और तीर्थ पुरोहितों को मनाने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक उन्हें मनाया नहीं जा सका है.
अब मुख्यमंत्री धामी ने पुरोहितों को मनाने की कमान स्वयं संभाली है. बुधवार सुबह ही राजधानी देहरादून से अपने तेजतर्रार मंत्री हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल को लेकर हेलीकॉप्टर से बाबा केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं.
शंभू नाथ गौतम