उत्‍तराखंड

चमोली से शुरू हुई शहीद सम्मान यात्रा, सीएम धामी और जे.पी. नड्डा ने किया शुभारम्भ

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सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सवाड़ चमोली में सैन्यधाम निर्माण हेतु आयोजित शहीद सम्मान यात्रा का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर सवाड़ में शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया. कार्यक्रम के दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया. इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक मदन कौशिक भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे सवाड़ की वीरों की इस धरती को नमन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. प्रथम विश्वयुद्ध हो, द्वितीय विश्व युद्ध हो, पेशावर कांड हो, देश की आजादी की लड़ाई हो या आजादी के बाद के युद्ध हों.

इस धरती के वीरों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर अपना कौशल दिखाया है और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. आज भी इस घाटी के नौजवानों से पूछा जाए कि आप जीवन में क्या करना चाहते हो तो उनका जवाब सेना में जाकर भारत माता की सेवा करना होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वीरों की वीरता ही है जो ये सुनिश्चित करती है कि कोई भी राष्ट्र शान्तिपूर्वक अपनी उन्नति के मार्ग में अग्रसर हो. ये हमारे देश के लिए गौरव की बात है कि हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हुये हर संघर्ष में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सेना का मूल रूप से एक ही घोषवाक्य रहा है ’’राष्ट्र प्रथम’’ और इसके लिए जवान अपना सर्वस्व अर्पित करने को हमेशा तैयार रहते हैं. उत्तराखंड की देवभूमि ने लाखों वीर सैनिक इस देश को दिये हैं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से दिखा दिया कि देवभूमि ना केवल समस्त विश्व को शान्ति का मार्ग दिखा सकती है, वरन शौर्य और वीरता को भी प्रदर्शित कर सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक का पुत्र होने के नाते मेरे लिए ये गर्व का विषय है कि मैं आप सबके समक्ष वीर सैनिकों को समर्पित इस कार्यक्रम में उपस्थित हूं. मैंने सैनिक की वीरता तो बाल्यकाल से देखी ही है, उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है. उस मां-बाप का दर्द देखा है, जिसका बेटा सीमा पर देश की आन-बान के लिए लड़ रहा है.

उस पत्नी के आंखों के आंसू देखे हैं जो पति के आने की राह जोहते-जोहते कब बीमार हो जाती है, पता ही नही चलता. उन बच्चों की सिसकती हुई किलकारियों को सुना है जो अपने पिता से गले मिलने को व्याकुल हों. कितना संघर्ष है एक सैनिक के जीवन में, परन्तु इसके बावजूद वो दृढ़ता पूर्वक अपने देश के स्वाभिमान को बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों के प्रति केन्द्र एवं राज्य सरकार का समर्पण किसी से छिपा नहीं है. अटल जी का शासन रहा हो या वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शासन हो, देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों व उनके परिवारों को उनका सही हक मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश मजबूती से आगे बढ़ रहा है. सेना का मनोबल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है.

सेना को निर्णय लेने की पूरी छूट है. उन्होंने कहा कि पराक्रम सदैव हमारी सेना के भीतर भरा हुआ था. मगर उस पराक्रम का सम्मान, सैनिकों के जीवन में बदलाव और उनके लिए संवेदनशील होकर निर्णय लेने का काम प्रधानमंत्री ने किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार का प्रयास है कि हम शहीदों के अभूतपूर्व योगदान को हमेशा याद रखें. इसके लिए उत्तराखंड की वीरभूमि में एक सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है. सभी 13 जनपदों के शहीद सैनिकों के घर-आंगन की मिट्टी लाकर उसे सैन्य धाम के निर्माण में शामिल कर उनके बलिदान से आगामी पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेंगे.

केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सैनिकों और पूर्व सैनिकों के हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. वन रैंक, वन पेंशन की मांग वर्ष लंबे समय से थी, लेकिन इस पर ध्यान सिर्फ मोदी सरकार ने दिया, क्योंकि वे एक सैनिक का दर्द समझते ही नहीं हैं, बल्कि उसे दूर करने की कोशिश भी करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय के अपने अंतिम लक्ष्य को अवश्य पूरा करगी. 2025 तक उत्तराखंड को भारत का अग्रणी राज्य बनाया जायेगा.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने कहा कि मुझे इगास पर्व पर सवाड़ में सैनिक सम्मान यात्रा की शुरूआत करने का सौभाग्य मिला है. इस भूमि के वीर जवानों ने विभिन्न संग्रामों में अपने आप को समर्पित किया. उन शहीदों को नमन जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया. यह धरती क्रांति की धरती है. इस धरती ने उत्तराखण्ड एवं देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया में अपना नाम स्थापित किया है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि एवं वीरभूमि है. आज एक लाख 15 हजार उत्तराखण्ड के जवान देश सेवा में लगे हैं. 05 लाख सैनिक परिवार उत्तराखण्ड में हैं. इस भूमि से एक परमवीर चक्र, 06 अशोक चक्र,13 महावीर चक्र प्राप्तकर्ता उत्तराखण्ड की भूमि से है. इस देवभूमि एवं वीरभूमि से देश के अनेक उच्च पदों पर कार्यरत है.

केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि मैं इस वीरभूमि को नमन करता हूं. आज हमारे प्रदेश से हर दूसरे परिवार का सदस्य देश सेवा के लिए सेना में भर्ती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति की ओर अग्रसर है.

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वीर शहीदों के सम्मान में राज्य सरकार देहरादून में भव्य सैन्य धाम बनाने जा रही है. इस सैन्य धाम का शिलान्यास के लिए प्रत्येक शहीद के घर-आंगन से पवित्र मिट्टी को कलश में एकत्र कर सम्मान के साथ देहरादून लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिले में ब्लाक वाइज शहीद सैन्य समारोह आयोजित किए जाएंगे. जिसमें 15 नवंबर को देवाल और थराली ब्लाक का सम्मान कार्यक्रम शहीद स्मारक सवाड़ में शुभारंभ किया गया है. राज्य के सभी 13 जिलों मे यह यात्रा चलेगी. इस दौरान सभी शहीदों के परिवारों को जनपद एवं ब्लाक स्तर पर ताम्रपत्र भेंट कर सार्वजनिक समारोह में सम्मानित भी किया जाएगा.

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