जापान की राजधानी टोक्यो में 16 दिन चले 32वें ओलंपिक खेलों का रंगारंग समापन हो गया. ये समापन समारोह भारतीय समयानुसार शाम 4 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजे तक चला. शुरुआत में मंच पर मेजबान जापान का झंडा लाया गया. इसके बाद सभी देशों के झंडे स्टेडियम में एक गोले में दिखाई दिए. समापन समारोह के दौरान भारत के रेसलर बजरंग पूनिया तिरंगा लेकर चल रहे थे, लेकिन देशवासियों की निगाहें नीरज चोपड़ा को तलाश रही थीं.
ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान जब भारत का तिरंगा लहराता हुआ दिखा तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. टोक्यो का यह स्टेडियम रंग बिरंगी रोशनी से ‘नहाया’ हुआ था. लेकिन अपनी विदाई की बेला में ‘उदास’ भी था. हम आपको बता दें कि ओलंपिक खेलों के शुभारंभ के अवसर पर सभी देशों के खिलाड़ी अपने अलग-अलग झंडे लेकर साथ चलते हैं लेकिन समापन समारोह के दौरान सभी देशों की सीमाएं खत्म हो जाती हैं.
दुनियाभर के एथलीट एक साथ एक धुन में चलते हैं और यह संदेश देते हैं कि हम सब एक हैं. टोक्यो ओलंपिक में करीब 11 हजार एथलीट्स शामिल हुए . ‘समापन समारोह के बाद विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने एक दूसरे को साल 2024 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले 33वें ओलंपिक में मिलने का वादा कर टोक्यो को गुड बाय बोल कर रवाना हुए’ . इस दौरान एक दूसरे से बिछड़ने पर सभी खिलाड़ियों की आंखें भी नम नजर आईं.
बता दें कि कई देशों के खिलाड़ी अपनी-अपनी प्रतियोगिता खेलकर स्वदेश लौट पहले ही लौट चुके हैं. भारत के लिए यह समापन समारोह सुखद कहे जा सकते हैं. क्योंकि नीरज चोपड़ा ने आखिरी दिन भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर ‘गोल्डन’ विदाई की . भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. भारत की झोली में इस बार 1 गोल्ड समेत कुल 7 मेडल आए. ये ओलंपिक लंबे समय तक याद रखे जाएंगे.
कोविड-19 महामारी की वजह से जो महाकुंभ साल 2020 में होने थे उसका आयोजन एक साल बाद 2021 में शुरू हो सका. इसके अलावा इस बार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए दर्शक भी स्टेडियम में दिखाई नहीं दिए. आयोजक और खिलाड़ियों के कोच के साथ गिने-चुने लोग ही खेलों के दौरान नजर आए. टोक्यो ओलंपिक में कई भारतीय खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड बनाए तो कुछ ने साल 2024 में होने वाले ओलंपिक के लिए सबक लेते हुए अपने आपको तैयार भी कर लिया.
इस बार सबसे खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में बैठकर टोक्यो ओलंपिक के दौरान होने वाले सभी खेलों पर नजर बनाए हुए थे. सभी भारतीयों की जीत पर पीएम मोदी सीधे उनसे मोबाइल पर बात भी करते हुए नजर आए. चाहे खिलाड़ियों ने मेडल जीता हो या नहीं प्रधानमंत्री ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उत्साह के साथ ढांढस बंधाया.
टोक्यो में 23 जुलाई से शुरू हुआ था ओलंपिक का आयोजन
23 जुलाई को कोविड-19 महामारी के भय के बीच 32वें ओलंपिक खेलों की एक साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ टोक्यो में शुरुआत हुई . टोक्यो 2020 के प्रतीक को प्रदर्शित करने के लिए 20 सेकेंड तक नीली और सफेद रंग की आतिशबाजी की गई, जिसे जापानी संस्कृति में शुभ माना जाता है.
जापान के सम्राट नारूहितो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक के साथ स्टेडियम में पहुंचेे. उद्घाटन समारोह में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं देने का फैसला कई सप्ताह पहले किया गया था. इसको देखने के लिए स्टेडियम में 1000 हस्तियां ही उपस्थित थीं. आपको बता दें कि टोक्यो दूसरी बार ओलंपिक की मेजबानी कर रहा है.
इससे पहले उसने 1964 में ओलंपिक का सफल आयोजन किया था. ओलंपिक के पहले दिन ही भारत के लिए भाग्यशाली रहा और मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतकर देश में खुशियां बिखेर दी. उसके बाद भारत की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक भी जीते और दिल भी जीते. भारतीय महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि पदक जीतने में कामयाब नहीं रहीं लेकिन अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से उन्होंने पूरे देश का दिल जीत लिया.
टोक्यो ओलिंपिक देश के लिए अब तक का सबसे सफल ओलिंपिक है. टोक्यो में भारत ने सात मेडल अपने नाम किए हैं, जो कि एक ओलिंपिक खेलों में सबसे ज्यादा हैं. भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार 1 गोल्ड, दो सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता, जबकि मीराबई चानू ने वेटलिफ्टिंग में और रवि दहिया ने कुश्ती के 57 किलो वेट में सिल्वर मेडल जीते.
वहीं बैडमिंटन में पीवी सिंधु, कुश्ती में 69 किलो वेट में बजरंग पूनिया, बॉक्सिंग में लवलिना बोरगोहेन और पुरुष हॉकी ने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीते.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार