पिछले कई दिनों से चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार और जदयू सरकार पर हमलावर हैं. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम नीतीश कुमार के दलितों को रिझाने के लिए पिछले दिनों की गई घोषणा पर चिराग पासवान गुस्साए हुए हैं.
चिराग के तेवर को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार भी अपने राजनीतिक समीकरण को मजबूत करने की कवायद लगातार कर रहे हैं. रविवार को नीतीश कुमार ने एक और सियासी दांव चल दिया.
उन्होंने महादलित समुदाय से आने वाले अशोक चौधरी को बिहार के जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया. ‘सीएम के इस दांव से चिराग पासवान आगबबूला हो गए हैं’.
चिराग की नाराजगी पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के पूर्व सहयोगी रहे दलों के ऊपर कुछ भी नहीं कहना है, भाजपा आलाकमान इस मामले को खुद से देख रही है.
नीतीश ने कहा कि एनडीए में जो सहयोगी दलों को बचाए रखने का फैसला भाजपा को करना है अब एलजेपी ने बीजेपी के सामने जो शर्तें रखी हैं, उन्हें एनडीए में अमलीजामा पहनाना मुश्किल लग रहा है, ऐसे में चिराग पासवान अपनी अलग सियासी राह भी तलाश रहे हैं.
यहां हम आपको बता दें कि एलजेपी बिहार में 2015 के चुनाव में 42 विधानसभा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरकर महज दो सीटें ही जीत सकी थी.