लोक जनशक्ति पार्टी में मचे घमासान से परेशान चिराग पासवान ने अपने ‘राम’ यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद लगाई है. उन्होंने कहा है कि मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री जी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया, आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने शुरू से स्पष्ट किया कि मेरा गठबंधन बीजेपी के साथ हुआ और मैं आज तक बीजेपी के साथ खड़ा हूं. भाजपा के हर नीतिगत फैसले का मैंने समर्थन किया जबकि नीतीश जी ने इनके हर फैसले का विरोध किया. अब ये फैसला बीजेपी को लेना है कि वो आने वाले समय में मेरा साथ देते हैं या नीतीश जी का.’
पासवान ने कहा कि मेरे परिवार के लोगों ने ही मेरी पार्टी को तोड़ने का काम किया है, फिलहाल मुझे अपनी पार्टी को शून्य से उस मुकाम पर लेकर जाना है जहां पापा पार्टी को हमेशा लेकर जाना चाहते थे. हम लोगों का पक्ष इतना मजबूत है कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पापा ने जो पार्टी अपने खून-पसीने से बनाई थी, उसका नाम और चिन्ह दोनों हमारे पास रहेंगे.
वहीं भविष्य की संभावनाओं पर बात करते हुए चिराग ने कहा, ‘मेरे पिता और लालू जी हमेशा करीबी दोस्त रहे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और मैं बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं, हमारी गहरी दोस्ती है, वह मेरा छोटा भाई है. जब बिहार में चुनाव का समय आएगा तब पार्टी गठबंधन पर अंतिम फैसला लेगी.’
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहा था. हालांकि अभी हाल में जब उनसे सवाल किया गया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आपने खुद को हनुमान कहा था और देश के एक बड़े नेता (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को राम कहा था. इस वक्त जब हनुमान संकट में है तो आप किसी तरह की मदद मांगेंगे राम से? इसके जवाब में चिराग ने कहा, ‘हनुमान को अगर मदद मांगनी पड़े राम से… तो तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के.’