नई दिल्ली| पूर्वी लद्दाख की सीमा पर हुई फायरिंग की घटना पर चीन के दावों को भारतीय सेना ने खारिज कर दिया है. भारतीय सेना की ओर से कहा गया है भारतीय सैनिकों ने न तो कोई एलएसी का उलंघन किया है न ही कोई फ़ायरिंग की. भारतीय सेना के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 7 सिंतबर को सबसे पहले एक भारतीय फ़ॉरवर्ड पोस्ट के क़रीब पहुंचे थे, जिसे भारतीय सैनिकों ने रोक दिया था. इसके बाद चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को उकसाने के लिए कई राउंड गोलियां चलाईं.
भारतीय सेना ने एलएसी पर फायरिंग किए जाने के चीन के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. भारतीय सेना ने चीन की पोल खोलते हुए कहा है कि ‘चीन अपने बयानों से अपने देश और पूरी दुनिया को गुमराह कर रहा है. सेना ने किसी भी स्थिति में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया है, न ही फायरिंग की है, न ही कोई आक्रामक कदम उठाया है.’
बता दें कि भारत-चीन के बीच लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना की बढ़त को लेकर चीन बौखलाया हुआ है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 29-30 अगस्त की रात लेक स्पांगूर के पास घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. इसके बाद भारतीय सेना ने इलाके की ऊंची चोटी पर भी दोबारा कब्जा जमा लिया, जिसकी खबर बीजिंग पहुंची तो हंगामा खड़ा हो गया. अब इस मामले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीनी सेना और अधिकारियों से काफी नाराज हैं.
पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में करीब 40 जवानों को गंवाने के बाद पैंगोंग इलाके में 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना की मुस्तैदी के सामने फेल साबित हुए चीनी सेना से राष्ट्रपति शी जिनपिंग खासे नाराज़ बताए जा रहे हैं. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नेतृत्व भी लद्दाख सीमा पर तैनात पीएलए के कमांडर से नाराज है. ऐसा माना जा रहा है कि चीनी सेना के नेतृत्व में जल्द ही बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकते हैं.