बीजिंग|……पूर्वी लद्दाख में पिछले कई महीनों से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चला आ रहा है. 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.
दोनों देशों में चल रही तनातनी के बीच पहली बार चीन ने स्वीकार किया है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी. इससे पहले चीन हमेशा से ही इस बात को झुठलाता आ रहा है.
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस बात की पुख्ता जानकारी दी गई है कि गलवान घाटी में चीन की सेना को भारी नुकसान पहुंचा था और कई जवानों की मौत हो गई थी.
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ हू झिजिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान को ट्वीट कर लिखा कि जहां तक मुझे जानकारी है कि गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच हुई झड़प में चीनी सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा भारत के 20 जवानों से कम था.
इतना ही नहीं भारत ने किसी भी चीनी सैनिक को बंदी नहीं बनाया था बल्कि चीन ने भारत के सैनिकों को बंदी बना लिया था. ग्लोबल टाइम्स चीन के पीपुल्ड डेली का अंग्रेजी अखबार है जो चीन की सत्ताधारी पार्टी चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी का ही पब्लिकेशन है.
बता दें कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर अपनी बात रखी थी. राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत सभी नियमों और समझौतों को ध्यान में रखते हुए सीमा की सुरक्षा कर रहा है लेकिन चीन की तरफ से बार बार सीमा समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में चीन से चल रहे विवाद पर जवाब देते हुए कहा कि लद्दाख में स्थिति गंभीर है लेकिन भारतीय सेना हर परिस्थिति के लिए तैयार है. वहीं गलवान घाटी की झड़प पर उन्होंने कहा कि चीन के दुस्साहस के कारण भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, लेकिन उन जवानों ने चीन को कड़ा जवाब दिया.
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था. सूत्रों के मुताबिक इस घटना में चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं.
चीन ने माना गलवान घाटी में गई थी चीन के सैनिकों की भी जान
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