भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन ने इस साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में अपने मारे गए सैनिकों की संख्या बताई है.
चीन ने भारत के साथ वार्ता के दौरान माना है कि उसके गलवान में हुई हिंसक झड़प में उसके 5 सैनिक मारे गए हैं.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मोल्डो में भारत और चीन के बीच हुई राजनयिक और सैन्य वार्ता के दौरान पड़ोसी देश ने इसकी पुष्टि की है.
चीन ने पहली बार 15 जून के दिन गलवान घाटी में हुई झड़प में अपने हताहत सैनिकों का कोई आंकड़ा दिया है. जबकि इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.
इससे पहले सरकारी सूत्रों ने कहा था कि बीजिंग ने स्वीकार किया है कि उनका एक कमांडिंग ऑफिसर हिमालय में 15000 फीट ऊंची गलवान नदी के पास मारा गया था. झड़प के दौरान कार्रवाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे.
साउथ ब्लॉक के एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि वास्तविक चीनी हताहत सैनिकों की संख्या बहुत अधिक होगी सूत्र ने कहा कि ‘जब चीनी पांच कहते हैं, तो इसका तीन से गुणा कर लीजिए.’
भारत और चीन के बीच मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध है.
सरकारी अधिकारी ने कहा कि भले इस साल मई में आधिकारिक रूप से गतिरोध शुरू हुआ है लेकिन चीन 2017 डोकलाम संकट के ठीक बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मामलों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा था.
अधिकारी ने कहा कि पीएलए ने 15-20 जवानों के बजाय 50 से 100 सैनिकों वाली पैट्रोलिंग पार्टियों को भेजना शुरू कर दिया था.
नाम न छापने की शर्त पर सूत्र ने कहा 2017 के बाद, चीनी ने एक पैट्रोलिंग पार्टी में 20 से अधिक पुरुषों के नहीं होने के पारस्परिक रूप से सहमत प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया.
निश्चित रूप से इन बड़े चीनी पैट्रोलिंग पार्टियों ने हमारे गश्ती दल को शारीरिक रूप से डराना शुरू कर दिया.
कई लोग हाथापाई में समाप्त हो गए. कई गतिरोध हाथापाई में ही खत्म हो गए.’
भारत ने इस मामले को चीन के समक्ष कई बार उठाया था लेकिन उसने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
भारतीय सैन्य अधिकारियों का मानना है कि चीन पूर्वी लद्दाख में कम से कम पिछले एक साल से जमीन कब्जाने की योजना बना रहा था. कोविड-19 ने उसे इसके लिए सही मौका दिया.
साभार -न्यूज़ 18