यह सप्ताह उत्तराखंड की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने कई विकास योजनाओं को लेकर फैसले किए. इसके साथ मानसून सत्र में भी कई महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पारित किया गया. यही नहीं राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए कई विभागों में भर्तियों का पिटारा भी खोला.
इसके साथ आज शाम हुई कैबिनेट की बैठक में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई. आइए जानते हैं कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में.
1-पंतनगर विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने के लिए प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाएगा. इससे संबंधित संपत्ति के संबंध में मुख्य सचिव की अघ्यक्षता में समिति बनाई जाएगी.
2-समस्त स्थानीय निकाय में दोहरी लेखा प्रणाली लागू करने के लिए उत्तराखंड मैनुअल एकाउटिंग में संशोधन किया जाएगा.
3- उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम को कार्यदायी सस्था के रूप में चयनित किया जाएगा.
4- राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायलय विधिक सेवा समिति, तहसील विधिक सेवा समिति, स्थायी लोक अदालत एवं वैकल्पिक विवाद समाधान के लिए केंद्रीय कर्मचारी सेवा नियमावली प्रख्यापित किया गया.
5-उत्तराखंड भू सम्पदा (विनियमन तथा विकास) (सामान्य) नियमावली 2017 को प्रख्यापित किया गया.
6-स्वामित्व योजना के कार्यो को त्वरित गति से करने के लिए उत्तराखंड आबादी सर्वेक्षण और संक्रिया नियमावली 2020 के नियम 14(5) और 18(2) में संशोधन किये जाने के लिए और उत्तराखंड आबादी सर्वेक्षण और संक्रिया नियमावली 2021 बनाई जाएगी.
7-केदारनाथ एवं बदरीनाथ के पुनर्निमाण के लिए बड़ी एजेंसी चयन कर कार्य कराने की अनुमति दी जाएगी.
8-खनन संबंधी मामले का सरलीकरण कर स्व मूल्यांकन सम्बन्धी मामले में शासन की जगह निदेशालय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा.
9-जल जीवन मिशन के अंतर्गत तकनीकी परीक्षण के बाद दो से पांच करोड के कार्य कराने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिया गया.
10- सभी आर्बिट्रेशन संबंधी मामले के निपटारे के लिए उच्च न्यायलय के रिटायर्ड न्यायधीश की अघ्यक्षता में तीन सदस्य समिति के माध्यम से निर्णय किया जाएगा.