छत्तीसगढ़ में भी केंद्र के कृषि कानून को लेकर राज्यपाल और सीएम आमने-सामने आ गए. मंगलवार को दोनों के बीच मनमुटाव देखने को मिले.केंद्रीय कृषि कानूनों में संशोधन के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रस्तावित विशेष सत्र की फाइल राज्यपाल ने लौटा दी है.
सीएम भूपेश बघेल की सरकार ने 27 और 28 अक्टूबर को दो दिवसीय सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा.’फाइल लौटाते हुए राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सरकार से पूछा है कि ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई कि विशेष सत्र बुलाने की जरूरत पड़ गई है, इस बीच सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार को विधानसभा का सत्र बुलाने से राज्यपाल नहीं रोक सकतीं’.
हालांकि शाम को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने फैसला पलटते हुए हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को विधानसभा का सत्र बुलाए जाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है.इसके बाद राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ सरकार सवालों का जवाब देते हुए फाइल फिर से राजभवन के लिए भेज दी.
यहां हम आपको बता दें कि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर यह कोई पहला मौका नहीं है इससे पहले भी कई बार राज्यपाल और सीएम बीच में टकराव सामने आए हैं.
दो महीने पहले राजस्थान की बात करें तो जब सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत की सरकार को गिराने के लिए बगावती तेवर अपना लिए थे, तब गहलोत अपनी सरकार बचाने और बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की थी.
लेकिन राज्यपाल ने सीएम का अनुरोध ठुकरा दिया था जिससे दोनों के बीच तल्खी बढ़ गई थी हालांकि बाद में केंद्र के निर्देशों के बाद राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार