03 मई से शुरू हुई उत्तराखंड प्रदेश में चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों में अब तक 48 यात्रियों की मृत्य हो चुकी है. स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट ने यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि अब तक जितने यात्रियों की मृत्यु हुई है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हाइपोथर्मिया (ठंड लगना) और ऑक्सीजन की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हुई. अब तक यात्रा के दौरान 48 तीर्थ यात्रियों में 46 की जान हार्ट अटैक और दो की पहाड़ी से गिरने से गई.
गुरुवार को कर्नाटक के जिला मंध्या निवासी नागारत्ना (57) बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे थे, लेकिन सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द के कारण तबियत बिगड़ गई. साथ के लोगों द्वारा उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उधर यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर महाराष्ट्र निवासी अरविंद उमाले (48) की जानकी चट्टी में अचानक तबीयत खराब हो गई, जिन्हें परिजन पीएचसी में ले गए. जहां डाक्टरों ने अरविंद को मृत घोषित कर दिया.
स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने संबंधित जिलों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक प्रभावी बनाने के साथ रिस्पांस टाइम को और कम किया जाए. उन्होंने सीएमओ रुद्रप्रयाग को निर्देश दिए कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक बेहतर बनाया जाए. साथ ही लापरवाही बरतने वालेे डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.