उत्तराखंड की मौजूदा भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में 2019 में देवस्थानम बोर्ड कानूनी ढंग से बनाया गया था, जिसका लगातार विरोध हो रहा है और अब इस मामले में पीएम से हस्तक्षेप की मांग की गई है.
इन पुरोहितों ने पीएम मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर भेजा है, जिसमें चार धाम में चली आ रही पुरानी परंपराओं को बचाने की गुहार की गई है.
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित युवा महासभा और श्री केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में लिखा गया है कि राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ है. ‘पुरोहितों के हक, हुकूकों के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है.’ इस तरह की बातें लिखते हुए त्रिवेदी ने पीएम मोदी से दखल देकर बोर्ड को भंग करने की मांग की है.
तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्ट के ज़रिए खून से लिखा यह पत्र भेजा जाएगा. इससे पहले इस विवाद को लेकर न्यूज़18 ने आपको बताया था कि चार धाम से जुड़े पुरोहितों व समितियों समेत 47 मंदिरों ने बोर्ड के विरोध में 17 अगस्त से राज्य स्तरीय प्रदर्शन करने का फैसला किया है. पूर्व मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत के बाद पुरोहितों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से भी इस मामले में निराश होने की बात कहते हुए पुरोहितों ने बड़े स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.