यूपी में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा. सभी दल अपने उम्मीदवारों के नामों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इन सबके बीच यूपी की सियासत में मंडल दौर के आने की उम्मीद है.
अब अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन नहीं होगा. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि उनकी आजाद समाज पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी.
उन्होंने अखिलेश यादव को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि सपा प्रमुख खुद गठबंधन नहीं चाहते. उन्होंने कहा, ‘हमने यह तय किया है हम समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं. हम सड़कों पर खुद लड़े हैं. हम मानते हैं दलितों के हितों की रक्षा स्वंय करनी होगी.’
चंद्रशेखर आजाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं.
इस बीच सकारात्मक बातें भी हुईं लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है. वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते.वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें.
मेरा डर यह है कि अगर दलित वोट कर देंगे तो सरकार बनने के बाद हम अपने विषयों पर बात ही न कर पाएं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनका अपमान किया है. चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने बहुजन समाज के लोगों को अपमानित किया, मैंने 1 महीने 3 दिन कोशिश की लेकिन गठबंधन नहीं हो सका.
सपा के साथ गठबंधन करने वाले प्रमुख दल
राष्ट्रीय लोकदल
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा):
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट)
अपना दल (कमेरावादी)
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा. उत्तर प्रदेश में अन्य चरणों में मतदान 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 और 7 मार्च को होगा. वहीं यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 403 में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं. मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं 4 सीटों पर अन्य का कब्जा हुआ था.