शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि त्योहार आमतौर पर शुभता, आनंद और बड़े जन समूहों के पर्याय होते हैं और अगर कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ये नहीं मनाए गए तो कोविड-19 की रोकथाम की प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है.
उन्होंने कहा कि दोहरा समाधान यही है कि कोविड प्रोटोकॉल का बहुत सख्ती से अनुपालन किया जाए और टीकाकरण की गति में तेजी लाई जाए.
उन्होंने उन प्रयोगों के परिणामों को संदर्भित किया जिनमें अनुमान लगाया गया था कि टीका की पहली खुराक प्राप्त करने वालों में गंभीर रूप से कोविड-19 का शिकार न बनने वालों की संख्या 96 प्रतिशत है और उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे लोगों में यह बढ़कर करीब 98 प्रतिशत पहुंच जाता है, जिन्होंने टीके की दोनों खुराकें ली हैं.
उन्होंने रेखांकित किया कि भारत की कोविड-19 टीकाकरण यात्रा में तात्कालिक ऐतिहासिक उपलब्धि 100 करोड़ टीका लगाना है. भारत में अभी तक 94 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं.
राज्यों को अब तक निम्नलिखित कोविड 19 गाइडलाइन्स जारी किए जा चुके हैं:-
1. कंटेनमेंट जोन के रूप में पहचाने गए क्षेत्रों और 5 प्रतिशत से अधिक मामलों की रिपोर्ट करने वाले जिलों में कोई सामूहिक सभा नहीं.
2. 5 प्रतिशत और उससे कम पॉजीटिव दर वाले जिलों में अग्रिम अनुमति तथा सीमित लोगों (स्थानीय संदर्भ के अनुसार) सभा की अनुमति दी जाएगी.
3. साप्ताहिक मामले की पॉजीटिविटी के आधार पर छूट और प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
4. राज्य किसी भी आरंभिक चेतावनी की पहचान करने के लिए सभी जिलों में प्रतिदिन मामलों पर करीबी नजर रखेंगे तथा उसी के अनुरूप प्रतिबंध और कोविड उपयुक्त बर्ताव का पालन सुनिश्चित करेंगे.
5. लोगों के कहीं आने-जाने और आपस में मिलने-जुलने को सख्ती से निरुत्साहित किया जाएगा.
6.‘ऑनलाइन दर्शन’ तथा वर्चुअल समारोह के प्रावधान को प्रोत्साहित किया जाएगा.
7.पुतला दहन, दुर्गा पूजा पंडाल, डांडिया, गरबा, छठ पूजा, जैसे सभी अनुष्ठान प्रतीकात्मक होने चाहिए.
8.सभाओं/जुलूसों में भाग लेने के लिए लोगों की संख्या संबंधी नियम होने चाहिए.
9.पूजा के स्थानों पर अलग प्रवेश तथा निकास बिन्दु होने चाहिए तथा प्रार्थना के लिए एक ही चटाई, प्रसाद वितरण, पवित्र चल का छिड़काव आदि से बचना चाहिए.
मंडाविया ने सभी प्रमुख राज्यों के प्रधान सचिवों तथा मिशन निदेशकों (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के साथ परस्पर बातचीत की और इन राज्यों में कोविड-19 टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में राज्यों को प्रदान किए गए आपातकालीन कोविड रिस्पोंस पैकेज (ईसीआरपी)-II वित्तीय संसाधनों के त्वरित उपयोग पर भी चर्चा की गई.
बैठक में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों ने भाग लिया.