भारत-चीन सीमा विवाद के बीच, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने साफ कहा है कि चीन के साथ बातचीत से विवाद नहीं सुलझा तो सैन्य विकल्प भी खुला है. रावत ने एकअंग्रेजी अखबार से बातचीत में यह बयान दिया.
रावत ने कहा कि आर्मी से लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के आस-पास अतिक्रमण रोकने और इस तरह की कोशिशों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. सरकार शांति से विवाद निपटाना चाहती है, लेकिन अगर एलएसी पर हालात सामान्य रखने की कोशिशें कामयाब नहीं हो पाएं, तो फिर सेना हर वक्त तैयार रहती है. हालांकि, दोनों देशों की सेनाएं शांति से समाधान तलाशने की कोशिशों में जुटी हैं.
रावत ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और दूसरे संबंधित लोग लद्दाख में एलएसी पर पहले जैसी स्थिति बहाल करने के सभी विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं.
भारत अपने इलाकों में 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था पर काम कर रहा है. सभी एजेंसियों के बीच लगातार बातचीत होती रहती है. मल्टी एजेंसी सेंटर की रोज मीटिंग होती है.
आर्मी लेवल की बातचीत के कई राउंड के बाद भी चीन लद्दाख में फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा से अपने सैनिक पीछे नहीं हटा रहा. गलवान वैली में भारत-चीन के बीच 15 जून को हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन के भी करीब 35 सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी माना नहीं.
गलवान की झड़प के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से बातचीत में चीन इस बात पर राजी हुआ कि विवादित इलाकों से पीछे हट जाएगा. पहले फेज का डिसएंगेजमेंट पूरा भी हो गया, लेकिन कई इलाकों में चीन फिर से अड़ियल रवैया अपना रहा है.
India has ‘military options’ to deal with Chinese transgressions if talks fail: CDS Rawat
— ANI Digital (@ani_digital) August 24, 2020
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