गुरुवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कोविड-19 महामारी के लिए भारत की सामूहिक प्रतिक्रिया का उल्लेख किया और कहा कि देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती और खतरे से पार पाने में सक्षम है.
‘आत्मानिर्भर भारत ’ पर एक वेबिनार पर बोलते हुए, रक्षा उद्योग के एक भाग के रूप में, जनरल रावत ने यह भी उल्लेख किया कि देश उच्च अंत स्वदेशी हथियार प्रणालियों के निर्माण में सक्षम है.
सीडीएस ने वेबिनार में बताया कि “भारत आज कई चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहा है. कोविड-19 के लिए हमारी सामूहिक प्रतिक्रिया ने ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना को दूर करने की हमारी क्षमता को मजबूती से स्थापित किया है.
हमारे पास उच्च क्षमता वाले स्वदेशी हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है. सरकार की आत्मानिर्भर भारत ’को सही दिशा में पुश करनेऔर उसे आगे बढ़ाने की दृष्टि से, आत्म-दक्षता हासिल करने और रक्षा उपकरणों के शुद्ध निर्यातक बनने के इस अवसर को देखने का समय है.”
हथियारों और उपकरणों के स्वदेशीकरण के लिए सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए, सीडीएस ने कहा कि भारतीय सैनिक देश में विकसित प्रौद्योगिकियों के साथ युद्ध जीतने में खुश होंगे.
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि “सशस्त्र बल ‘आत्मानिर्भर भारत’ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जनरल रावत ने कहा कि हमें स्वदेशी विकसित तकनीकों और उपकरणों के साथ युद्ध में विजयी होने और जीतने से ज्यादा संतुष्टि नहीं मिलेगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रक्षा उद्योग से जुड़े वेबिनार के दौरान भी बात की और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य है कि भारत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भर हो. “हम दुनिया में बेहतर तरीके से योगदान देने के लिए आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं.
इस दिशा में 101 रक्षा वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध जैसे कुछ साहसिक नीतिगत सुधार किए गए हैं. मुझे विश्वास है कि हमारे सहयोगी और सहकारी प्रयासों के माध्यम से, हम न केवल ‘मेक इन इंडिया’ बल्कि ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ भी हासिल करेंगे.
यह टिप्पणी तब आई जब रक्षा मंत्रालय इस साल के अंत तक सैन्य प्लेटफार्मों और हथियारों की एक और सूची लाने के लिए काम कर रहा है, जिनके आयात को उनके घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए वर्जित किया जाएगा.
मंत्रालय पहले ही प्रमुख हितधारकों जैसे रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी उद्योगों, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और दूसरी नकारात्मक हथियार आयात सूची को तैयार करने वाली तीन सेवाओं के साथ बातचीत कर रहा है.
इस महीने की शुरुआत में, मंत्रालय ने आत्मानिभर भारत की पहल के हिस्से के रूप में 2024 तक परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, पारंपरिक पनडुब्बियों, क्रूज मिसाइलों और सोनार प्रणालियों जैसे 101 हथियारों और सैन्य प्लेटफार्मों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
We’ve capability, capacity & will to produce high-end indigenous weapon systems. With govt’s push in right direction & vision of Aatnirbhar Bharat being promulgated, this is time to see this opportunity to achieve self-efficiency & becoming net exporter of defence equipment: CDS https://t.co/wwS07kFfpo
— ANI (@ANI) August 27, 2020